जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल कोर्ट में रो पड़े, कहा- मुझे जेल में मरने दो 

08:59 am Jan 07, 2024 | सत्य ब्यूरो

जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने शनिवार को मुंबई की एक विशेष अदालत में "हाथ जोड़कर" कहा कि उन्होंने "उन्होंने जिन्दगी की हर उम्मीद खो दी है। अपने मौजूदा हालात में जीने से बेहतर है कि वह जेल में ही मर जाएं।”  70 साल से अधिक उम्र के गोयल की आंखों में आंसू आ गए और उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी पत्नी अनीता की बहुत याद आ रही है जिनका कैंसर अब अंतिम चरण में हैं। नरेश गोयल पर केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का आरोप है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में पिछले साल 1 सितंबर को गोयल को गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल यहां आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

गोयल ने विशेष जज की कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। उन्हें शनिवार को अदालत में पेश किया गया। कार्यवाही के दौरान गोयल ने कुछ मिनटों की व्यक्तिगत सुनवाई का अनुरोध किया, जिसे जज ने अनुमति दे दी। अदालत के 'रोज़नामा' (दैनिक सुनवाई का रिकॉर्ड) के अनुसार, गोयल ने हाथ जोड़कर कहा कि "उनका स्वास्थ्य बहुत खराब है। पत्नी बिस्तर पर हैं और उनकी इकलौती बेटी भी बीमार है। जेल स्टाफ की उनकी मदद करने की अपनी सीमाएँ हैं।

जज ने अपने रोज़नामा में लिखा- "मैंने उन्हें धैर्यपूर्वक सुना और जब उन्होंने अपनी बात रखी तो उस पर गौर भी किया। मैंने पाया कि उनका पूरा शरीर कांप रहा था। उन्हें खड़े होने के लिए भी मदद की जरूरत थी।" गोयल ने अपने घुटनों की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनमें सूजन और दर्द है और वह अपने पैरों को मोड़ने में असमर्थ हैं।

नरेश गोयल ने जज से कहा कि वह बहुत कमजोर हो गए हैं और उन्हें जे जे अस्पताल रेफर करने का कोई मतलब नहीं है। जेल कर्मचारियों और एस्कॉर्ट पार्टी की सुविधा के अनुसार अन्य कैदियों के साथ आर्थर रोड जेल से अस्पताल तक की यात्रा "बहुत परेशानी भरी, व्यस्त और थकाऊ है जिसे वो सहन नहीं कर सकते हैं। वहां मरीजों की हमेशा लंबी कतार लगी रहती है और वह समय पर डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पाते हैं और जब भी डॉक्टर उनकी जांच करते हैं तो आगे का फॉलो-अप संभव नहीं हो पाता है। इससे उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी अनीता कैंसर की एडवांस स्टेज में हैं और उनका इलाज चल रहा है।

गोयल ने नम आंखों से कोर्ट में कहा कि उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है क्योंकि उसकी इकलौती बेटी भी स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें जे जे अस्पताल न भेजा जाए और इसके बजाय "उन्हें जेल में ही मरने की अनुमति दी जाए।" गोयल ने कहा, "उन्होंने जिन्दगी की हर उम्मीद खो दी है और ऐसी स्थिति में जीवित रहने से बेहतर है कि उन्हें मर जाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि वह 75 साल के हो जाएंगे और उन्हें भविष्य के लिए कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा, "बेहतर होगा कि वह जेल में ही मर जाए, उसका भाग्य उसे बचा लेगा"।

जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने यह भी कहा कि उनका स्वास्थ्य उन्हें व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने की अनुमति नहीं देता है। गोयल की बात सुनने के बाद जज ने कहा, "मैंने आपकी हर बात पर ध्यान दिया है और भरोसा रखिए कि आपको असहाय नहीं छोड़ा जाएगा और उचित इलाज के साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की हर संभव देखभाल की जाएगी।" अदालत ने उनके वकीलों को उनके स्वास्थ्य को लेकर उचित कदम उठाने का निर्देश दिया।

पिछले महीने दायर अपनी जमानत याचिका में, गोयल ने हार्ट, प्रोस्टेट और आर्थोपेडिक जैसी कई बीमारियों का हवाला दिया और दावा किया कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि "वह दोषी नहीं हैं।" ईडी ने उनकी जमानत याचिका पर जवाब दाखिल कर दिया है और मामले की आगे की सुनवाई 16 जनवरी को होगी।

मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी का मामला जेट एयरवेज, गोयल, उनकी पत्नी अनीता और अब बंद हो चुकी निजी एयरलाइंस के कुछ पूर्व कंपनी अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर से सामने आया है। गोयल और जेट एयरवेज पर सरकारी केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का आरोप है। बता दें कि आर्थिक उदारीकरण करे दौर में कई उद्योगपतियों ने बैंकों से लोन लेकर बड़े-बड़े कारोबार खड़े किए। इनमें से कुछ सफल रहे, कुछ डूब गए और कुछ विदेश भाग गए। जिनमें किंगफिशर एयरलाइंस शुरू करने वाले विजय माल्या प्रमुख हैं।