उपग्रह इस्तेमाल योग्य नहीं, गलत कक्षा में स्थापित हुए: इसरो

04:39 pm Aug 07, 2022 |

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने कहा है कि नये रॉकेट के साथ लॉन्च किए गए उपग्रह इस्तेमाल के योग्य नहीं हैं क्योंकि वे ग़लत कक्षा में स्थापित हो गए हैं।

इसरो के नये विकसित छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान यानी एसएसएलवी से पहली उड़ान में रविवार सुबह दो उपग्रह भेजे गए थे। लेकिन रॉकेट के अंतिम चरण में कुछ डेटा में समस्या आ गई थी। शुरुआती तौर पर अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा था कि प्रक्षेपण में कुछ दिक्कत आई गई, जबकि अब इसने कहा है कि उपग्रह अब उपयोग करने योग्य नहीं है क्योंकि एसएसएलवी डी 1 ग़लत कक्षा में स्थापित हो गया है।

इसरो ने ट्वीट किया है कि 'एसएसएलवी-डी1 ने उपग्रहों को 356 किमी वृत्ताकार कक्षा के बजाय 356 किमी x 76 किमी के एलिप्टिकल कक्षा में स्थापित किया। उपग्रह अब प्रयोग करने योग्य नहीं हैं। समस्या की तार्किक पहचान की गई है।' इसने आगे कहा है कि सेंसर विफलता की वजह से रॉकेट अपने पाथ से विचलित हुआ। इसने यह भी कहा, 'एक समिति विश्लेषण और सिफारिश करेगी। सिफारिशों के कार्यान्वयन के साथ इसरो जल्द ही एसएसएलवी-डी2 के साथ वापस आएगा।'

इससे पहले इसरो ने सुबह कहा था कि वह अपने सबसे छोटे रॉकेट एसएसएलवी-डी1 प्रक्षेपण के डेटा का विश्लेषण कर रहा है, जो रविवार 7 जुलाई की सुबह श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से 'पृथ्वी अवलोकन उपग्रह' और एक 'छात्र उपग्रह' लेकर गया। 

इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा था कि SSLV-D1 ने सभी चरणों में अपेक्षित रूप से प्रदर्शन किया। मिशन के अंतिम चरण में, डेटा में कुछ गड़बड़ हो रही है। हम इस डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं। 

इसरो की नवीनतम पेशकश स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) रविवार 7 अगस्त को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से आसमान में गरज कर उठा। जबकि लॉन्च के बाद तीन चरणों ने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि इसरो ने सुबह कहा था कि वेलोसिटी ट्रिमिंग मॉड्यूल के साथ डेटा हानि हुई थी और यह देखने के लिए विश्लेषण किया जाएगा कि उपग्रहों को उनकी वांछित कक्षाओं में रखा गया था या नहीं।

एसएसएलवी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ को महत्व देने के लिए 750 स्कूली छात्रों द्वारा निर्मित 75 पेलोड से युक्त "आज़ादी सैट" नामक एक उपग्रह ले जा रहा है। सैटेलाइट डिजाइन करने वाली छात्राओं ने श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट में एसएसएलवी-डी1 लॉन्च भी देखा। 

इसरो में छोटे रॉकेट लॉन्च करने की तैयारी

तेलंगाना की एक छात्रा श्रेया ने कहा, हमारे स्कूल के तीन समूहों ने इस एसएसएलवी लॉन्च में भाग लिया है। मुझे बहुत खुशी है कि हमें यह मौका मिला। हमने वास्तव में इस पर कड़ी मेहनत की और आज हम आजादी सैट उपग्रह के प्रक्षेपण को देखेंगे।