इजरायल अब संयुक्त राष्ट्र संघ या यूएनओ से भी टकराव के मूड में दिख रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव अन्तोनियो गुतेरस के एक बयान से इजरायल काफी नाराज है और अब वह इसका बदला लेने की कोशिश कर रहा है।
अन्तोनियो गुतेरस ने इजरायल की पिछले दिनों आलोचना करते हुए कहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है। इसके बाद इजरायल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इजरायल ने अन्तोनियो गुतेरस से इस्तीफा तक देने को कहा है।
संयुक्त राष्ट्र संघ में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा है कि उन्हें सबक सिखाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा है कि अन्तोनियो गुतेरस को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सामूहिक हत्या को लेकर जो समझ दिखाई है, वह संयुक्त राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त नहीं है।
अलजजीरा की रिपोर्ट कहती है कि उसके राजदूत गिलाद एर्दान ने बुधवार को कहा है कि इज़रायल यूएन महासचिव की टिप्पणियों के कारण संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों को वीजा देने से इनकार कर देगा। उनके इस बयान के साथ ही माना जा रहा है कि इस अंतरराष्ट्रीय संगठन के साथ इजरायल का विवाद गहरा गया है।
एर्दान ने कहा है कि “हमने पहले ही मानवीय मामलों के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स को वीज़ा देने से इनकार कर दिया है। उन्हें सबक सिखाने का समय आ गया है।”
संयुक्त राष्ट्र महासचिव अन्तोनियो गुतेरस ने गाजा पट्टी के उत्तर से दक्षिण तक नागरिकों को निकालने का आदेश देने के लिए परोक्ष रूप से इज़राइल की आलोचना की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमास का हमला "शून्य में" नहीं हुआ था, फिलिस्तीनियों को "56 वर्षों के दम घुटने वाले कब्जे का सामना करना पड़ा है"।
उनके बयान का कई देशों ने स्वागत किया है। लेकिन इजरायल क्रोधित हो चुका है। इज़रायली विदेश मंत्री एली कोहेन ने इस बयान के बाद मंगलवार को यूएन महासचिव के साथ होने वाली एक बैठक को रद्द कर दिया था।
यूएन महासचिव ने एक्स पर भी लिखी यह बात
वहीं अन्तोनियो गुतेरस ने एक्स पर अपने भाषण का एक उद्धरण यह दिखाने के लिए पोस्ट किया कि उन्होंने गाजा में संकट के लिए हमास और इज़रायल दोनों की आलोचना की है। इसमें उन्होंने लिखा कि “फिलिस्तीनी लोगों की शिकायतें हमास के भयानक हमलों को उचित नहीं ठहरा सकतीं।इसी तरह से भयानक हमले फ़िलिस्तीनी लोगों की सामूहिक सज़ा को उचित नहीं ठहरा सकते। इस पूरे मामले पर फ़िलिस्तीनी विदेश मंत्रालय की भी प्रतिक्रिया आयी है। उसने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से इस्तीफ़े की इज़रायल मांग की निंदा करते हुए इसे "अकारण हमला" बताया है।
एक्स पर एक पोस्ट में, फ़िलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने इज़रायल की स्थिति को संयुक्त राष्ट्र, उसके चार्टर और फ़िलिस्तीन के संबंध में संकल्पों के प्रति उसके "अनादर और प्रतिबद्धता की कमी" का "विस्तार" बताया है।
गजा में अब तक 6 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके
इज़रायली अधिकारियों के अनुसार, हमास लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को इज़रायल में धावा बोल दिया और एक संगीत समारोह सहित बड़े पैमाने पर नागरिक ठिकानों पर हमला किया, जिसमें कम से कम 1,400 लोग मारे गए थे और 220 से अधिक को बंदी बना लिया गया था।वहीं गजा पट्टी पर जवाबी इजरायली बमबारी में 6 हजार से अधिक फिलिस्तीनी, जिनमें ज्यादातर आम नागरिक हैं मारे जा चुके हैं।यूएनओ महासचिव अन्तोनियो गुतेरस ने पिछले सप्ताह मिस्र और गजा के बीच सीमा के माध्यम से सहायता प्राप्त करने के लिए राफा क्रॉसिंग की यात्रा की थी। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा है कि राफा से हुई अब तक की मानवीय मदद "जरूरत के सागर में सहायता की एक बूंद" मात्र है, क्योंकि फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) ने चेतावनी दी थी कि ईंधन की कमी के कारण उसे बुधवार को काम बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि मैं तत्काल युद्धविराम के लिए अपनी अपील दोहराता हूं।
सुरक्षा परिषद में बना हुआ है गतिरोध
इजरायल के द्वारा गजा पट्टी पर हो रही बमबारी को रोकने में संयुक्त राष्ट्र संघ अब तक विफल रहा है। इसकी सबसे ताकतवर संस्था सुरक्षा परिषद में युद्ध रोकने को लेकर गतिरोध बना हुआ है। इज़रायल ने युद्ध रोकने की सभी अपील को खारिज कर दिया है।उसका कहना है कि इससे हमास को फिर से संगठित होने का मौका मिल जायेगा। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र संघ में पिछले सप्ताह संकट पर एक मसौदा प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था। वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सुरक्षा परिषद से अमेरिका के नेतृत्व वाले एक नए प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए कहा था।
अलजजीरा की एक रिपोर्ट कहती है कि एएफपी समाचार एजेंसी द्वारा देखा गया यह मसौदा, अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुपालन का आह्वान करते हुए आत्मरक्षा के लिए "सभी देशों के अधिकार" की रक्षा करने की बात कहता है। यह सहायता देने के लिए "मानवीय विराम" का समर्थन तो करता है लेकिन पूर्ण युद्धविराम का नहीं। ब्लिंकन ने कहा है कि सुरक्षा परिषद का कोई भी सदस्य अपने लोगों का वध बर्दाश्त नहीं कर सकता या बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस अमेरिकी प्रस्ताव पर रूस ने कहा है कि वह इसका विरोध करेगा। अमेरिका के क्षेत्रीय सहयोगी मिस्र ने भी इस प्रस्ताव की आलोचना की है।