कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के चलते तीसरी लहर आने का अंदेशा बना हुआ है। इस बीच, एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बड़ी टिप्पणी की है। गुलेरिया ने कहा है कि हमें किसी भी तरह के हालात के लिए तैयार रहना चाहिए।
ब्रिटेन और फ्रांस में बिगड़ रहे हालात के बीच भारत सरकार ने भी इसे लेकर चेताया है और कहा है कि यहां भी अगर इन देशों की तर्ज पर संक्रमण फैला तो 13-14 लाख मामले हर दिन आ सकते हैं।
डॉ. गुलेरिया ने एएनआई से बातचीत में कहा, “ब्रिटेन में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत को भी तैयारी रखनी चाहिए। हालांकि हमें उम्मीद है कि ब्रिटेन जैसे ख़राब हालात यहां नहीं होंगे। हमें ओमिक्रॉन पर अभी और डाटा की ज़रूरत है।” उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों में भी अगर इसके मामले बढ़ते हैं तो हमें उस पर ध्यान देने की ज़रूरत है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि यह बेहतर होगा कि हम तैयार रहें बजाए किसी मुसीबत में फंसने के।
एक स्टडी के मुताबिक़, ओमिक्रॉन डेल्टा से 70 गुना ज़्यादा तेजी से फैलता है और इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और दुनिया भर के विशेषज्ञ चेता चुके हैं। कुछ ही दिनों में यह संक्रमण दुनिया के लगभग 100 देशों तक पहुंच गया है।
डब्ल्यूएचओ की चिंता
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इससे पहले किसी भी वैरिएंट को इस रफ़्तार से फैलते हुए नहीं देखा गया है। डब्ल्यूएचओ इस बात को लेकर चिंतित है कि लोग ओमिक्रॉन को यह कहकर खारिज कर रहे हैं कि इसके लक्षण बेहद हल्के हैं और ऐसा करके हम इसे कम करके आंक रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि इस वैरिएंट पर वैक्सीन का असर कम है और यह तेज़ी से फैलता है।
इस बीच, देश के दो बड़े डॉक्टर्स ने कहा है कि ओमिक्रॉन डेल्टा के मुकाबले हल्का होगा। यह फैलेगा जरूर और केस भी ज्यादा होंगे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर जैसा असर नहीं होगा। कोरोना की दूसरी लहर में देश में बदतर हालात बन गए थे।
एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. पुनीत मिश्रा ने कहा है कि ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट जितना खतरनाक नहीं है। जबकि भारत में कोविड सुपर मॉडल कमेटी के मुखिया प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा है कि भारत में ओमिक्रॉन की तीसरी लहर जरूर आएगी लेकिन यह कोविड 19 की दूसरी लहर के मुकाबले हल्की होगी।