देश में अब रविवार को कोरोना संक्रमण के 93 हज़ार 249 मामले आए हैं। यह 19 सितंबर के बाद सबसे ज़्यादा संक्रमण का आँकड़ा है और तब 93 हज़ार 337 मामले दर्ज किए गए थे। इसके साथ ही भारत अब हर रोज़ सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर आ गया है। भारत के बाद सबसे ज़्यादा अमेरिका में क़रीब 66 हज़ार संक्रमण के मामले आए हैं। तीसरे स्थान पर ब्राज़ील है जहाँ क़रीब 41 हज़ार पॉजिटिव केस आए हैं।
भारत में कोरोना संक्रमण के इतने मामले तब आ रहे थे जब सितंबर में कोरोना संक्रमण अपने शिखर पर था। तब 9 सितंबर के बाद से क़रीब दस दिनों तक संक्रमण के मामले 90 हज़ार से 98 हज़ार के बीच आ रहे थे। इसका मतलब साफ़ है कि देश में कोरोना की इस दूसरी लहर में संक्रमण पहली लहर के शिखर तक पहुँच चुका है और अब आशंका है कि यह उस शिखर को पार कर कहीं हर रोज़ एक लाख संक्रमण के आँकड़े को न छू ले!
स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को जो आँकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार 24 घंटे में 513 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही देश में अब कोरोना संक्रमण के कुल मामले 1 करोड़ 24 लाख 85 हज़ार से ज़्यादा हो गए हैं और मरने वालों की संख्या 1 लाख 64 हज़ार से ज़्यादा हो गई है। देश में सक्रिय कोरोना संक्रमण के मामले 6 लाख 91 हज़ार से ज़्यादा हो गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को शुक्रवार के एक दिन के जो आँकड़े जारी किए थे उसके मुताबिक़ 89,129 नए मामले सामने आए थे और यह पिछले साल 20 सितंबर के बाद का सबसे बड़ा आँकड़ा था। 20 सितंबर को कोरोना के 92,605 मामले सामने आए थे।
देश में कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। राज्य में शनिवार को 49 हज़ार 447 मामले दर्ज किए गए और 277 लोगों की मौत हुई। राज्य की राजधानी मुंबई में शनिवार को 9,000 से ज़्यादा नये मामले आए। मुंबई में यह एक दिन में अब तक सबसे ज़्यादा है।
देश में अकेले महाराष्ट्र से रोज़ाना साठ फ़ीसदी मामले आ रहे हैं। कोरोनो के सबसे अधिक मामलों वाले दस ज़िलों में से आठ महाराष्ट्र के हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में आठ राज्यों में 81.42 प्रतिशत संक्रमण हुआ है। ये आठ राज्य- महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब और मध्य प्रदेश हैं।
हालाँकि, जिस दर पर नए संक्रमणों का पता चल रहा है, उससे लगता है कि पहली लहर में सितंबर महीने में सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले के आँकड़े को पार कर जाएगा। अब तक, दूसरी लहर मुख्य रूप से महाराष्ट्र के कारण ही आई लगती है। गुजरात और पंजाब में भी एक दिन में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। बाक़ी के राज्यों में दूसरी लहर जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
तो दूसरी लहर क्या ज़्यादा आक्रामक आएगी? ऐसा निश्चित तौर पर तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन दुनिया के कई देशों में यह दिखा है कि थोड़ी सी ढिलाई होते ही संक्रमण ज़्यादा तेज़ गति से बढ़ा है। अमेरिका और यूरोप के देश इसकी मिसाल हैं।
अमेरिका में भी जब पहली लहर आई थी तब एक दिन में सबसे ज़्यादा क़रीब 78 हज़ार संक्रमण के मामले आए थे। लेकिन दूसरी लहर में वहाँ बेतहाशा बढ़ोतरी हुई। हर रोज़ संक्रमण के मामले 3 लाख से भी ज़्यादा आए। दूसरी लहर ज़्यादा लंबे समय तक भी चली।
अमेरिका में संक्रमण के मामलों में यह बढ़ोतरी तब हुई जब हाल में अमेरिका में चुनाव हुआ है। ट्रंप ने जमकर जनसभाएँ कीं। उनकी सभाओं में आए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को तोड़ते और मास्क नहीं लगाए हुए देखा गया।