देश में तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामलों की संख्या बढ़कर 422 हो गई है। इसमें सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार सुबह कहा कि कम से कम 130 मरीज ठीक या पलायन कर चुके हैं।
अब तक महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन वैरिएंट के सबसे अधिक मामले आए हैं। राज्य में 108 केसों की पुष्टि हो चुकी है। महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में सबसे ज़्यादा केस आए हैं और वहाँ कुल संख्या 79 हो गई है। गुजरात में ओमिक्रॉन के 43 और तेलंगाना में 41 मामले आए हैं।
इस बीच भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के कुल 6,987 नए मामले दर्ज किए गए हैं। यह एक दिन पहले की तुलना में यह 2.8 प्रतिशत कम है।
जिन चोटी के पांच राज्यों में अधिकतम मामले दर्ज किए गए हैं, वे हैं- केरल में 2,407 मामले, महाराष्ट्र में 1,485 मामले, तमिलनाडु में 606 मामले, पश्चिम बंगाल में 552 मामले और कर्नाटक में 270 मामले हैं।
इन पांच राज्यों से 76.13 प्रतिशत नए मामले सामने आए हैं, जिसमें से अकेले केरल 34.45 प्रतिशत नए मामलों के लिए जिम्मेदार है। देश में पिछले 24 घंटों में 162 लोगों की मौत हुई है, इससे मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 4,79,682 हो गई है।
तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वैरिएंट के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने शनिवार को स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 से ऊपर के लोगों के लिए 10 जनवरी से बूस्टर खुराक देने की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार रात अचानक किए गए राष्ट्र के नाम संबोधन में 15-18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन लगाए जाने की घोषणा की गई है। इनको 3 जनवरी से ये टीके लगाए जाएंगे।
इस बीच भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को अब 12 साल से ज़्यादा उम्र वालों के लिए आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया यानी डीसीजीआई ने शनिवार देर शाम को इसको हरी झंडी दी। अक्टूबर महीने में ही 12-18 साल के बच्चों के लिए इस वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए विशेषज्ञ पैनल ने सिफारिश की थी।
कोवैक्सीन भारत में बच्चों पर इस्तेमाल के लिए स्वीकृत दूसरा टीका है। अगस्त में ज़ायडस कैडिला के तीन-खुराक वाले टीके को वयस्कों और 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों पर इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई थी। दूसरे कुछ टीकों को बच्चों पर ट्रायल की मंजूरी दी गई है।