भारत ने अपने नागरिकों को दी अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह

01:24 pm Feb 15, 2022 | सत्य ब्यूरो

यूक्रेन में गहराते संकट के बीच भारत ने मंगलवार को यूक्रेन में अपने नागरिकों को अस्थायी रूप से देश छोड़ने पर विचार करने की सलाह दी है। कीव में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा है कि यूक्रेन में मौजूदा स्थिति की अनिश्चितताओं को देखते हुए भारतीय नागरिक, विशेष रूप से ऐसे छात्र जिनका रहना ज़रूरी नहीं है, अस्थायी रूप से छोड़ने पर विचार कर सकते हैं।

यूक्रेन पर संभावित रूसी आक्रमण को लेकर वहाँ तनाव है और इसी बीच यह सलाह दी गई है। दूतावास ने भारतीय नागरिकों से यूक्रेन में उनके ठिकाने के बारे में उन्हें सूचित करने का भी अनुरोध किया है।

बयान में कहा गया है, 'भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे दूतावास को यूक्रेन में अपनी उपस्थिति की स्थिति के बारे में सूचित रखें ताकि दूतावास को उन तक पहुँचने में मदद मिल सके।'

पिछले कुछ दिनों में कई देश यूक्रेन में अपने राजनयिक कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं और उन्होंने अपने नागरिकों से देश छोड़ने का आग्रह किया है। 

अमेरिका ने तीन दिन पहले ही यूक्रेन में रह रहे अपने नागरिकों को चेताया था कि वे 48 घंटे के भीतर उस मुल्क को छोड़ दें। अमेरिका ने कहा है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है। 

अमेरिका ने कहा है कि रूस का यह हमला हवाई बमबारी से शुरू हो सकता है और तब उनके नागरिकों का वहां से निकलना मुश्किल हो जाएगा और उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है। 

हालाँकि, रूस यूक्रेन पर आक्रमण करने की किसी भी योजना से इनकार करता रहा है। लेकिन हाल की कुछ सैटेलाइट तसवीरों में देखा जा सकता है कि यूक्रेन की सीमा पर बड़ी संख्या में रूस की सेना तैनात है।

मास्को ने पिछले 48 घंटों में बेलारूस, क्रीमिया और पश्चिमी रूस में भी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है। इस क्षेत्र की नई उपग्रह तसवीरें इस क्षेत्र में रूसी सैनिकों के एक विशाल ढाँचे को दिखाती हैं, जिसमें हमले के हेलीकॉप्टर और लड़ाकू-बम जेट शामिल हैं।

हमले जैसी स्थिति को देखते हुए कई देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए चेतावनी जारी की है। जिन देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने का आह्वान किया है, उनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, आयरलैंड, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, कनाडा, नॉर्वे, एस्टोनिया, लिथुआनिया, बुल्गारिया, स्लोवेनिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इज़राइल, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात हैं।