बीजेपी सांसद ने कहा, हनुमान मनुवादियों के ग़ुलाम थे

03:32 pm Dec 06, 2018 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

हनुमान जी को दलित बताने का मुद्दा दिनोंदिन तूल पकड़ता जा रहा है। आज बीजेपी की सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा, 'भगवान हनुमान दलित थे और मनुवादियों के ग़ुलाम थे।'  सावित्री बाई उत्तर प्रदेश के बहराइच से बीजेपी की सांसद हैं और दलित हैं।उन्होने कहा, 'भगवान हनुमान दलित थे और मनुवादियों के ग़ुलाम थे। वे दलित थे और इंसान थे। उन्होंने भगवान राम के लिए सबकुछ किया फिर भी उनको पूँछ लगा दी गई। फिर उनका चेहरा क्यों काला कर दिया गया? उनको क्यों बंदर बना दिया गया?'पिछले हफ़्ते यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित बताया था। तब से ये विवाद गरम है। इस पर लगातार बयानबाज़ी हो रही है। योगी ने अलवर में कहा था कि बजरंग दल ऐसे भगवान है कि वो वनवासी है, गिरिवासी हैं, दलित हैं, वंचित है, वे पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक सब को जोड़ कर साथ लेकर चलते थे। सावित्री बाई फूले ने हनुमान को बंदर का स्वरूप देने पर तगड़ी आपत्ति जताई। उन्होने कहा, 'जब उन्होने भगवान राम की पूरे भक्तिभाव से सेवा की तो उन्हें इंसान बनाना था, न कि बंदर। उस वक़्त भी दलित होने की वजह से उन्हे प्रताड़ित किया गया। हम दलित आख़िर क्यों इंसान नहीं माने जा सकते?' उन्होने यह बात न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को फ़ोन पर दिये एक इंटरव्यू में कही है। 

बीजेपी सांसद सावित्री बाई फ़ुले अपने तेवर की वजह से जानी जाती हैं।फ़ोटो: लोकसभा टीवी

पार्टी लाइन से अलग

सावित्री बाई फुले पहले भी अपने बयानों की वजह से विवादों में रही हैं। उन्होने दलितों के घर बीजेपी नेताओं के खाना खाने पर आपत्ति जताई थी। अलीगढ़ विश्वविद्यालय में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर जब विवाद हुआ था तब उन्होने बीजेपी की लाइन से अलग कहा था कि वे महापुरुष थे। सावित्री बाई फूले को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर भी आपत्ति है। उन्होने कहा है कि देश को मंदिर की ज़रूरत नहीं है। क्या ये मंदिर निर्माण दलितों की बेरोज़गारी और दूसरी समस्याओं को ख़त्म करेगा? ज़ाहिर है, बीजेपी के दलित नेता हनुमान जी को दलित बताने और राममंदिर निर्माण पर पार्टी की मौजूदा लाइन से संतुष्ट नहीं है। वो चाहते है कि पार्टी बेरोज़गारी जैसे असली मुद्दों पर राजनीति करे।