पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया। उनकी उम्र 85 साल थी। मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली स्थित आरआर अस्पताल के डॉक्टर्स ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की।
प्रणब मुखर्जी बहुत अनुभवी राजनेता थे और उन्होंने केंद्र में वित्त, विदेश जैसे अहम विभागों को संभाला था। पूर्व राष्ट्रपति को कुछ दिन पहले कोरोना हुआ था उन्होंने ख़ुद ही ट्वीट कर कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी।
प्रणब मुखर्जी को एक कुशल राजनेता, सक्षम प्रशासक, अच्छे वक्ता और उससे भी अच्छे इन्सान के रूप में याद किया जाएगा। एक ऐसा राजनीतिज्ञ जिसका कोई दुश्मन नहीं था, विरोधी कई थे। एक ऐसा राजनेता जिसके विरोधी तो अपने दल में भी थे, लेकिन दुश्मन विरोधी दल में भी नहीं था।
प्रणब मुखर्जी को कॉरपोरेट टैक्स प्रणाली में सुधार के लिए याद किया जाएगा। यह बहुत ही जटिल थी लेकिन प्रणब दा ने इस प्रणाली को दुरुस्त किया। इससे टैक्स कमप्लायंस बढ़ा, यानी ज्यादा लोगों ने कर चुकाया, टैक्स की चोरी कम हुई और राजस्व बढ़ा। यह काम उन्होंने वाणिज्य मंत्री और वित्त मंत्र रहते हुए किया।
वित्त मंत्री के रूप में प्रणब दा ने 1983, 1984, 2009, 2010, 2011 में बजट पेश किया। यह कहा जाता है कि उनके वित्त मंत्री रहते हुए सरकार का राजस्व हर बार बढ़ा क्योंकि वह आसान कर रखते थे और इससे टैक्स कमप्लायंस बढ़ जाता था।