केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में कृषि, पशुपालन, मछली पालन, डेयरी उद्योग के लिए क्या है, इस बारे में बताया। इससे पहले वह इस पैकेज में मजदूरों, किसानों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए सरकार द्वारा उठाए गए क़दमों के बारे में बता चुकी हैं।
'18,700 करोड़ रुपये कैश ट्रांसफ़र'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान किसानों के खातों में 18,700 करोड़ रुपये का कैश ट्रांसफ़र किया गया। न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए किसानों को 17300 करोड़ रुपये दिए गए। कृषि और इससे संबंधित कामों की मदद के लिए 11 क़दम उठाए जा रहे हैं।’ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों को 6400 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
मखाने, आम, मिर्च की करेंगे ब्रांडिंग
वित्त मंत्री ने कहा, ‘कृषि के क्षेत्र में इंफ़्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। भंडारण, आपूर्ति की सुविधा के लिए इस फंड का इस्तेमाल किया जाएगा। लोकल उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए 10 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। बिहार के मखाने, उत्तर प्रदेश के आम और आंध्र प्रदेश की मिर्च को दुनिया तक पहुंचाया जाएगा।’ इसके अलावा बाक़ी राज्यों के प्रमुख उत्पादों की भी वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग की जाएगी।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘मछुआरों की मदद के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी और 53 करोड़ जानवरों का टीकाकरण किया जाएगा। पशुपालन सेक्टर के बुनियादी ढांचे के लिए 15 हजार करोड़ का फ़ंड दिया गया है।’
हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़
वित्त मंत्री ने कहा कि मधुमक्खी पालन के लिए सरकार 500 करोड़ रुपये की योजना लाई है। इससे 2 लाख मधुमक्खी पालकों को फायदा होगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2 साल में 10 लाख हेक्टेयर पर हर्बल खेती करने का लक्ष्य है। हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘ज़रूरी उत्पाद से संबंधित 1955 के क़ानून में संशोधन किया जाएगा। किसानों को अपना सामान एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने में अब परेशानी नहीं आएगी और वे अपने उत्पाद बेच सकेंगे। सरकार कृषि उत्पादों की ई-ट्रेडिंग को बढ़ावा देगी।’
गुरुवार को वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों के लिए ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना लाने और किसानों के लिए नाबार्ड के जरिए 30 हज़ार करोड़ रुपये के फ़ंड का एलान किया था। उन्होंने कहा था कि इससे 3 करोड़ छोटे व मझोले किसानों को फ़ायदा मिलेगा।
बुधवार को वित्त मंत्री ने कहा था कि एमएसएमई को बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा और इससे 45 लाख यूनिट्स को फायदा होगा। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि परेशानियां झेल रहीं एमएसएमई को 20 हज़ार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि एनपीए वाली एमएसएमई को भी लोन दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, ‘यह पैकेज हमारे लघु, मझोले उद्योगों के लिए है, यह पैकेज उस श्रमिक, किसान के लिए है, जो देशवासियों के लिए दिन-रात परिश्रम करता है। यह पैकेज उस वर्ग के लिए है जो दिन-रात मेहनत करता है और ईमानदारी से टैक्स देता है।’
प्रधानमंत्री ने कहा था, 'लॉकडाउन का चौथा चरण पूरी तरह नए रंग-रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी आपको 18 मई से पहले दे दी जाएगी।'
‘लोकल को दें प्राथमिकता’
प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘कोरोना संकट ने हमें लोकल सप्लाई चेन, लोकल मार्केट का महत्व समझाया है। हमें लोकल ने ही बचाया है। समय ने हमें सिखाया है कि लोकल को हमें अपने जीवन का मंत्र बनाना ही होगा। आज से हर भारतवासी को लोकल उत्पाद ख़रीदने हैं और उनका गर्व से प्रचार भी करना है।’