पूर्वोत्तर के राज्यों असम और मिज़ोरम के बीच चल रहा सीमा विवाद अब सुलझता दिख रहा है। मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथंगा ने इस मामले में मिज़ोरम पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफ़आईआर को वापस लेने के निर्देश दिए हैं।
ज़ोरामथंगा ने सोमवार को ट्वीट कर कहा है कि दोनों राज्यों के बीच जारी सीमा विवाद को ख़त्म करने और किसी समाधान तक पहुंचने के लिए ज़रूरी अनुकूल माहौल को बनाने के लिए उन्होंने मिज़ोरम पुलिस को उस एफ़आईआर को वापस लेने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि मिज़ोरम की पुलिस ने बीते शुक्रवार की रात को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और छह शीर्ष पुलिस अफ़सरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की थी। इस एफ़आईआर में असम सरकार के 200 अज्ञात पुलिसकर्मियों का भी नाम था।
यह एफ़आईआर मिज़ोरम के कोलासिब जिले के वैरेंगटे पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। मिज़ोरम का कोलासिब जिला असम के कछार जिले से लगता है।
एफ़आईआर में सरमा के अलावा आईजीपी अनुराग अग्रवाल, डीआईजी कछार देवज्योति मुखर्जी, डीसी कछार कीर्ति जल्ली, डीएफ़ओ कछार सनी देव चौधरी, एसपी कछार चंद्रकांत निंबालकर, ओसी धोलाई पुलिस स्टेशन साहब उद्दीन के नाम शामिल थे।
रविवार को मिज़ोरम की सरकार ने कहा था कि वह इस एफ़आईआर से हिमंता बिस्व सरमा के नाम को हटा रही है। सरमा ने भी पुलिस को निर्देश दिया था कि वह मिज़ोरम के सांसद के. वनललवेना के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को वापस ले लें। इस मामले में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बात हुई है।
के. वनललवेना के कथित भड़काऊ बयान को लेकर विवाद हो गया था। इस बयान में उन्होंने कथित रूप से असम पुलिस के लोगों को मार डालने की बात कही थी।
26 जुलाई को इन दोनों राज्यों के दो सीमाई जिलों के लोगों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसमें जमकर गोलियां चली थीं। इसके बाद दोनों ही राज्यों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मामले को सुलझाने की अपील की थी। हालात को देखते हुए सीआरपीएफ़ ने इस इलाक़े में तैनाती बढ़ा दी है। दोनों राज्यों की सीमा पर सीआरपीएफ़ के 500 जवान तैनात हैं।
सैटेलाइट इमेजिंग का लिया सहारा
इधर, केंद्र सरकार ने उत्तर-पूर्वी राज्यों में सीमा विवाद को सैटेलाइट इमेजिंग के माध्यम से सीमा विवाद सुलझाने का फ़ैसला लिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सीमाओं के निर्धारण का काम अंतरिक्ष विभाग और उत्तर पूर्वी परिषद की संयुक्त पहल के रूप में गठित नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लीकेशन सेंटर यानी एनईएसएसी को दिया गया है।मिज़ोरम की असम के साथ 123 किलोमीटर, त्रिपुरा के साथ 109 किलोमीटर और मणिपुर के साथ 95 किलोमीटर की सीमाएं हैं। 1995 के बाद से मिज़ोरम और असम सरकारों के अधिकारियों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई बैठकें हो चुकी हैं। मिज़ोरम के तीन ज़िले - कोलासिब, आइजोल और ममित - दक्षिणी असम के कछार, हैलाकांडी और करीमगंज ज़िलों के साथ 123 किमी की सीमा साझा करते हैं।
मिज़ोरम और असम की सीमा पर दोनों राज्यों के लोगों के बीच अक़सर झड़प होती है और विवाद होता रहता है।