प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद में अपने संबोधन में कहा कि भारत इस बात पर दृढ़ता से विश्वास करता है कि शांति और समृद्धि हासिल करने का रास्ता बहुपक्षवाद ही है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी समस्याओं को हल करने और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज हम जब संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं तो हमें वैश्विक स्तर पर बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार का संकल्प लेना चाहिए।’
मोदी ने कहा कि भारत का चयन यूएनएससी में बहुत सही समय पर हुआ है। उन्होंने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर सौहार्द्र बनाए रखने, सामाजिक आर्थिक हालात में सुधार लाने और प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने की हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता है और भारत संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे के समर्थन में अपनी भूमिका को निभाएगा।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह वह अवसर है जब मानव की तरक्की में सयुक्त राष्ट्र के योगदान को स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब संयुक्त राष्ट्र का गठन हुआ तो भारत इसके संस्थापक सदस्यों में था। तब से अब तक काफी कुछ बदल चुका है और आज संयुक्त राष्ट्र में 193 देश हैं।’
अपने 14 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘चाहे वह भूकंप हो, साइक्लोन हो, इबोला का संकट हो या अन्य कोई मानव जनित आपदा, भारत ने तेजी और एकजुटता के साथ काम किया है।’
‘150 से ज़्यादा देशों को मदद दी’
मोदी ने कहा कि कोरोना के ख़िलाफ़ जंग में भारत ने दुनिया के 150 से ज़्यादा देशों को मेडिकल और अन्य सहायताएं दी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने 300 अरब डॉलर से ज़्यादा के पैकेज की घोषणा की है। इससे अर्थव्यवस्था ट्रैक पर आ सकेगी। हम भारत में कोरोना के ख़िलाफ़ सरकार और सिविल सोसायटी के साथ मिलकर जंग लड़ रहे हैं।’
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘हमारा लक्ष्य सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास है। हम राज्यों, स्थानीय सरकारों, हमारी सिविल सोसायटीज, समुदायों और लोगों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि साथ ही हम दूसरे विकसित देशों की भी उनके विकास के लक्ष्य को हासिल करने में मदद कर रहे हैं।