किसान आंदोलनः राकेश टिकैत का समर्थन, विपक्ष ने कहा- सरकार तानाशाह बनी

04:19 pm Feb 13, 2024 | सत्य ब्यूरो

"काले कृषि कानूनों" के खिलाफ 2020/21 के किसान आंदोलन में प्रमुख चेहरा रहे राकेश टिकैत ने किसानों के 'दिल्ली चलो' आंदोलन का समर्थन किया है। पश्चिमी यूपी के प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत ने सत्तारूढ़ भाजपा को चेतावनी जारी की है कि " ...कई किसान संघ हैं और उनके अलग-अलग मुद्दे हैं... अगर सरकार दिल्ली मार्च कर रहे किसानों के लिए समस्या पैदा करती है, तो हम उनसे दूर नहीं हैं। हम उनके समर्थन में हैं...।"  यह किसान आंदोलन ऐसे समय शुरू हुआ है, जब लोकसभा चुनाव एकदम नजदीक आ चुके हैं। यही वजह है कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने किसानों को रोकने के लिए ताकत का इस्तेमाल किया है। किसानों पर मंगलवार को ड्रोन से आंसू गैस के गोले बरसाए गए।

राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख हैं। जिसका स्थापना पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह ने की थी। चरण सिंह को इस महीने मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। केंद्र की घोषणा के बाद टिकैत ने कहा था कि यह हमारी पुरानी मांग थी, जिसे सरकार ने अब पूरा किया है। राकेश टिकैत के भाई, नरेश टिकैत, जो बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ने सरकार से किसानों के साथ बैठकर बातचीत करने का आग्रह किया है। नरेश टिकैत ने कहा- देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं...सरकार को चर्चा करनी चाहिए। किसानों को सम्मान देना चाहिए...सोचना चाहिए और इस मुद्दे को हल करने का प्रयास करना चाहिए।" बात दें कि इसी संगठन ने 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का ऐलान किया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को हरियाणा में प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने की निंदा की और इसे किसानों पर “भाजपा का क्रूर हमला” करार दिया। ममता ने अपने ट्वीट में कहा- “हमारा देश कैसे प्रगति कर सकता है जब किसानों पर उनके बुनियादी अधिकारों के लिए लड़ने पर आंसू गैस के गोले से हमला किया जाएगा? मैं भाजपा द्वारा हमारे किसानों पर किए गए क्रूर हमले की कड़ी निंदा करती हूं।” उन्होंने कहा, "उनके विरोध को दबाने के बजाय, भाजपा को अपने बढ़े हुए अहंकार, सत्ता की भूखी महत्वाकांक्षाओं और अपर्याप्त शासन को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसने हमारे देश को नुकसान पहुंचाया है।"

कांग्रेस का बयान

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को मोदी सरकार पर 10 वर्षों में किसानों से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहने के बाद उनकी आवाज को कुचलने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "कंटीले तार, ड्रोन से आंसू गैस, कीलें और बंदूकें सब कुछ व्यवस्थित है। तानाशाही मोदी सरकार किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।" उन्होंने कहा, "याद करें कि कैसे किसान को 'आंदोलनजीवी' और 'परजीवी' कहकर बदनाम किया गया और 750 किसानों की जान चली गई।" खड़गे ने कहा, मोदी सरकार ने 10 साल में देश के अन्नदाताओं से किए तीन वादे तोड़े हैं. उन्होंने कहा, ये थे, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना, स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार इनपुट लागत प्लस 50 प्रतिशत लागू करना और एमएसपी को कानूनी दर्जा देना।

हरियाणा के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र एस हुड्डा ने कहा, ''सरकार को एमएसपी पर कानून बनाने सहित उनकी मांगों पर किसानों से बात करनी चाहिए।'' हुड्डा ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने की निन्दा की। हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने मंगलवार को केंद्र सरकार से किसान यूनियन नेताओं के साथ बातचीत करने और उनकी लंबित मांगों को स्वीकार करने का आग्रह किया। हुड्डा ने कहा- “भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन वह ऐसा करने में विफल रही। इनपुट लागत दोगुनी हो गई है और फसलों की कीमतें उस हिसाब से नहीं बढ़ाई गईं।”

सीपीएम नेता का बयान

वरिष्ठ सीपीएम नेता बृंदा करात ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर किसानों को धोखा देने और उनके अधिकारों से इनकार करने का आरोप लगाया। करात ने मंगलवार को रांची में कहा- “नरेंद्र मोदी सरकार ने न केवल किसानों और श्रमिकों के अधिकारों से इनकार किया है, बल्कि उन्हें धोखा भी दिया है। वे (केंद्र) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून को क्यों नकारते हैं?” करात ने यह भी दावा किया कि देश भर के किसान प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासनों को "तमाशा और धोखाधड़ी" बता रहे हैं। उन्होंने कहा, "पूरे भारत में किसान 16 फरवरी को 'ग्रामीण बंद' करने जा रहे हैं। यह मजदूर वर्ग का बड़ा संघर्ष है।"