बेहद लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म फ़ेसबुक ने अपना नाम बदल लिया है। कंपनी के सीईओ मार्क ज़करबर्ग ने इस बात का एलान किया है कि फ़ेसबुक ने अपना नाम बदलकर मेटा रख लिया है। ज़करबर्ग ने कहा कि कंपनी ने सामाजिक मसलों पर संघर्ष के बाद काफी कुछ सीखा है और अब यह वह वक़्त है जब इसके दम पर अगले क़दम की नींव रखी जाए। उन्होंने यह बात डेवलपर्स कॉन्फ्रेन्स में गुरूवार को कही।
ज़करबर्ग ने कहा कि कंपनी का मिशन लोगों को साथ लाने का ही रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारा एप और उनके ब्रान्ड्स नहीं बदल रहे हैं।
ज़करबर्ग ने कहा कि आज हमें सोशल मीडिया कंपनी के रूप में देखा जाता है लेकिन हमारे डीएनए के हिसाब से हम ऐसी कंपनी हैं जो तकनीक को बनाती है और लोगों को आपस में जोड़ती है।
कंपनी ने कहा है कि यह बदलाव इसके बाक़ी एप्स और तकनीकों को साथ लाएगा लेकिन इसके कॉरपोरेट ढांचे को नहीं बदलेगा। कंपनी के एप्स जैसे- फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, मैसेंजर और वॉट्सऐप अपने पुराने नाम से ही चलते रहेंगे।
कांग्रेस ने बोला था हमला
फेसबुक पर बीते दिनों में भारत में कई गंभीर आरोप लगे हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मांग की है कि चुनावों को प्रभावित करने में इस प्लेटफ़ॉर्म की भूमिका की जांच होनी चाहिए और इसके लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाई जाए। कांग्रेस ने कहा है कि फ़ेसबुक अब फ़ेकबुक हो गया है।
कांग्रेस प्रवक़्ता पवन खेड़ा ने कहा है कि फ़ेसबुक की आतंरिक स्टडीज में ही यह बात सामने आई है कि वह आरएसएस, बजरंग दल और उनके सहयोगी संगठनों का प्रॉक्सी बन गया है। उन्होंने कहा कि वर्ग विशेष के ख़िलाफ़ होने वाली पोस्ट्स के ख़िलाफ़ फ़ेसबुक कोई कार्रवाई नहीं करता।