चार राज्यों में चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने इस सप्ताह जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारियों की शुरुआत कर दी। इसके लिए 20 अगस्त तक मतदाता सूची में संशोधन की घोषणा की गई है। लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले इस चुनाव को बीजेपी और विपक्ष दोनों के लिए एक परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी इस बार अकेले बहुमत नहीं पा सकी है। इसने एनडीए सहयोगियों के साथ बहुमत का आँकड़ा पा लिया है। विपक्षी इंडिया गठबंधन ने जोरदार वापसी की है, लेकिन वह बहुमत नहीं पा सका। इसी बीच इन चार राज्यों में होने जा रहे चुनाव को अहम माना जा रहा है। पर्यवेक्षकों का मानना है कि ये राज्य खासकर बीजेपी के लिए बेहद अहम होने जा रहे हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि चुनाव आयोग ने गुरुवार को चुनाव वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को पत्र लिखकर मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त संशोधन की समय-सारणी बताई है। शुक्रवार को एक बयान में चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान केंद्रों के स्थानों को अधिक सुविधाजनक बनाने सहित मतदाता सूची में संशोधन से पहले की कवायद 25 जून से शुरू होगी।
चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों - हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची को 1 जुलाई की कट-ऑफ तिथि के साथ अपडेट किया जाएगा। मसौदा रोल 25 जुलाई को प्रकाशित किए जाएंगे, जिसके बाद मतदाताओं के पास 9 अगस्त तक दावे और आपत्तियां दर्ज करने का मौका होगा। तय कार्यक्रम के अनुसार अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 20 अगस्त तक किया जाएगा।
बता दें कि ये हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड वे राज्य हैं जहाँ बीजेपी को इस लोकसभा चुनाव में काफी नुक़सान हुआ है। महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 29 सीटों पर महाविकास अघाड़ी ने जीत दर्ज की, जबकि महायुति ने 18 सीटों पर। एक निर्दलीय ने कांग्रेस का समर्थन कर दिया है। महाविकास अघाडी में कांग्रेस 13, शिवसेना यूबीटी 9 और एनसीपी (एसपी) 7 सीटें जीती। महायुति में बीजेपी 10, शिवसेना 7 और एनसीपी 1 सीट जीती है।
झारखंड में एनडीए को 4 सीटों का नुक़सान हुआ है। बीजेपी इस बार 8 सीटों पर सिमट गई। जेएमएम को तीन और कांग्रेस को 2 सीटें मिलीं। जेएमएम-कांग्रेस को दो-दो सीटों का फायदा हुआ है। हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी को 5-5 सीटें मिली हैं, जबकि पिछले चुनाव में बीजेपी ने सभी 10 सीटें जीती थीं।
जम्मू-कश्मीर में 2018 में विधानसभा भंग होने के बाद से कोई विधानसभा नहीं बनी है, जबकि हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभाओं का कार्यकाल 11 नवंबर, 26 नवंबर और 5 जनवरी, 2025 को समाप्त हो रहा है। इसका मतलब है कि चुनाव उससे पहले पूरे होने चाहिए।
चुनाव आयोग ने कहा, 'केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विधानसभा के लिए आम चुनाव भी कराए जाने हैं, ताकि निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद एक नया सदन बनाया जा सके।'
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखते हुए पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने का आदेश दिया था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि चुनाव आयोग बहुत जल्द चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करेगा।