चुनाव आयोग ने पाँच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तो घोषणा कर दी, लेकिन इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच ही कई तरह के कड़े प्रतिबंध भी लगाए हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा है कि 15 जनवरी तक किसी भी तरह के रोड शो, पदयात्रा और चुनावी कार्यक्रम आदि नहीं हो सकेंगे। उसके बाद चुनाव आयोग हालात की समीक्षा करेगा। हालाँकि, सार्वजनिक बैठकों को समय पर प्रतिबंध के साथ अनुमति दी जाएगी। डोर-टू-डोर अभियान की भी अनुमति होगी, जिसमें टीमों में लोगों की संख्या सीमित होगी। आयोग ने कहा है कि डोर-टू-डोर अभियान में प्रत्येक टीम में केवल पांच लोग शामिल हो सकते हैं।
कोरोना जैसी महामारी के बीच मतदान कराने के अपने फ़ैसले का बचाव करते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि समय पर चुनाव कराना लोकतांत्रिक शासन को बनाए रखने के लिए ज़रूरी है।
आयोग ने कहा, 'उम्मीदवारों को यथासंभव वर्चुअल मोड के माध्यम से अपने अभियान का संचालन करना चाहिए ... सार्वजनिक सड़कों पर कोई नुक्कड़ सभा नहीं होगी और मतगणना के बाद कोई विजय जुलूस नहीं होगा।'
उन्होंने कहा कि चुनाव में लगे सभी कर्मचारियों को कोरोना की दोनों डोज लगी हों, इस बात को आयोग ने सुनिश्चित किया है। इन चुनावी राज्यों में 15 करोड़ लोगों को कोरोना की पहली डोज लग चुकी है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोरोना के हालात को देखते हुए पोलिंग बूथ पर थर्मल स्कैनिंग, मास्क समेत तमाम जरूरी इंतजाम किए जाएंगे। पोलिंग बूथ ग्राउंड फ्लोर पर बनाए जाएंगे।
ऐसे वक़्त में जब कोरोना संक्रमण के मामले बेतहाशा रफ्तार से बढ़ रहे हैं, चुनाव कराना आयोग के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।
संवाददाताओं से चंद्रा ने कहा कि सभी मतदाताओं, उम्मीदवारों, पार्टियों को सार्वजनिक स्वास्थ्य और कोविड प्रोटोकॉल के प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टियों को राजनीतिक बैठकों के लिए मास्क और सैनिटाइज़र देना चाहिए।
आयोग ने कहा कि यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल उपरोक्त किसी भी दिशा-निर्देश का उल्लंघन करता है तो रैलियों और बैठकों की आगे की अनुमति रोक दी जाएगी।
सभी मतदान केंद्रों को सैनिटाइजर और मास्क जैसी सुविधाओं से लैस किया जाएगा, बूथों की संख्या बढ़ाई जाएगी। आयोग ने कहा कि मतदान का समय भी एक घंटा बढ़ाया जाएगा। आयोग ने कहा कि उसने संबंधित राज्यों के केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और गृह सचिव, विशेषज्ञों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद चुनाव कराने का फैसला किया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा है कि पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में एक चरण में जबकि उत्तर प्रदेश में सात और मणिपुर में दो चरणों में मतदान होगा।
उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को, दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी को, तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को, चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी को, पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी को, छठे चरण का मतदान 3 मार्च को और सातवें चरण का मतदान 7 मार्च को कराया जाएगा। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक ही दिन 14 फरवरी को मतदान कराया जाएगा। जबकि मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को वोटिंग होगी। सभी राज्यों में 10 मार्च को चुनाव नतीजे आएंगे।