विमानन नियामक डीजीसीए ने सोमवार को कहा है कि देश में नियमित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों के निलंबन को अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है। इससे पहले यह निलंबन आदेश 28 फ़रवरी तक था। मार्च 2020 में कोरोना लॉकडाउन लगाए जाने के साथ ही ये उड़ानें निलंबित कर दी गई थीं और तब से निलंबन जारी है। एक ख़ास व्यवस्था के तहत कुछ देशों में यात्री उड़ानें संचालित की जा रही हैं।
हालाँकि, कोरोना के ख़तरे को कम होता देख पिछले साल नवंबर के आख़िरी हफ़्ते में सरकार ने नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बहाल करने का फ़ैसला ले लिया था। 26 नवंबर को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा था कि मामले की समीक्षा की गई है और इसी को देखते हुए सक्षम प्राधिकारी ने ऐसी उड़ानों को फिर से शुरू करने का फ़ैसला किया है। लेकिन इसी बीच कोरोना का नया रूप ओमिक्रॉन वैरिएंट आया और फ़ैसले को टालना पड़ा था। इसके बाद नियमित उड़ानों पर प्रतिबंध को आगे के लिए बढ़ा दिया गया था।
डीजीसीए ने इससे पहले 19 जनवरी को आदेश निकालकर निलंबन 28 फरवरी तक बढ़ा दिया था। नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के निलंबन को आगे बढ़ाते हुए विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने कहा था कि यह प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय ऑल-कार्गो संचालन और विशेष रूप से इसके द्वारा अनुमोदित उड़ान पर लागू नहीं होगा।
एयर बबल व्यवस्था के तहत जुलाई 2020 से भारत और लगभग 45 देशों के बीच विशेष यात्री उड़ानें संचालित हो रही हैं।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सोमवार को एक सर्कुलर में कहा, 'सक्षम प्राधिकारी ने नियमित अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री सेवाओं के निलंबन को अगले आदेश तक बढ़ाने का फ़ैसला किया है।'
बता दें कि मौजूदा समय में कोरोना संक्रमण के मामले अब हर रोज़ क़रीब 10 हज़ार मामले आ रहे हैं। इस बीच कोरोना कम होने पर नियमों में कई तरह की ढीलें दी गई हैं। इसी महीने में अंतरराष्ट्रीय आगमन पर यात्रियों के होम क्वारंटीन को लेकर राहत देने की घोषणा की गई थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 फ़रवरी को अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए कोविड दिशानिर्देश संशोधित किए थे। अंतरराष्ट्रीय आगमन पर 7 दिनों के होम क्वारंटीन की बाध्यता को ख़त्म कर दिया गया और कहा गया कि वे खुद से 14 दिनों तक निगरानी रखें। इसके अलावा भी कई सहूलियतों की घोषणा की गई थी।