बिपरजॉय के गुजरात तट से टकराने के बाद राजस्थान की ओर बढ़ रहा है। गुजरात में इस चक्रवाती तूफान से बड़े पैमाने पर नुक़सान हुआ है। चक्रवात के आने से पहले ही क़रीब 1 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया था। लेकिन कम से कम दो लोगों के मारे जाने की ख़बर है। हालाँकि, डिजास्टर मैनेजमेंट का कहना है कि चक्रवात की वजह से किसी की भी मौत नहीं हुई है। तेज हवा से पेड़ गिर गए, बिजली के खंभे उखड़ गए, सड़कें अवरुद्ध हो गईं। तटीय क्षेत्रों में क़रीब 1000 गांवों में बिजली गुल हो गई है।
भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि भयंकर चक्रवाती तूफान ने जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र और कच्छ तट को पार करके गुजरात में दस्तक दी। ख़बर है कि चक्रवाती तूफ़ान के कारण करीब 22 लोग घायल हुए हैं और 23 पशुओं की मौत हुई है। मौसम विभाग ने कई राज्यों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सेना, नौसेना, वायु सेना और भारतीय तटरक्षक सहित सभी सशस्त्र बल गुजरात के स्थानीय लोगों को सहायता देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
क़रीब 10 दिन पहले यह चक्रवात अरब सागर में उठा था। तब से यह चलकर गुरुवार शाम को गुजरात में जखाऊ बंदरगाह के पास तट से टकराया। जैसे ही यह गुरुवार शाम लगभग 6.30 बजे भूभाग में प्रवेश किया, 115-125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवा चली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को फोन किया। एक सरकारी बयान में कहा गया है, 'उन्होंने गिर के जंगल में शेरों और अन्य जंगली जानवरों के बारे में भी चिंता व्यक्त की।' गांधीनगर में स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर में एक बैठक में सीएम ने सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि भावनगर शहर के पास बाढ़ की धारा में बह जाने से एक चरवाहे और उसके बेटे की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि वे अपने जानवरों को बचाने में डूब गए।
भारतीय मौसम विभाग ने सुबह पौने चार बजे एक ट्वीट में कहा है, 'आज 16 जून को रात ढाई बजे एससीएस बिपारजॉय नलिया से 30 किमी उत्तर में सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में केंद्रित था। यह आगे उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और 16 तारीख की सुबह तक एक सीएस में कमजोर हो जाएगा और उसी शाम तक दक्षिण राजस्थान में पहुँचेगा।'
16 और 17 जून को राजस्थान में अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। उत्तरी गुजरात के बनासकांठा और पाटन जैसे जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पाटन से एक हजार से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 18 टीमें, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 12, राज्य सड़क और भवन विभाग की 115 टीमें और राज्य बिजली विभाग की 397 टीमें तटीय जिलों में काम कर रही हैं।