कोरोना टीकाकरण की रफ़्तार कितनी धीमी हो गई है यह इससे भी पता चलता है कि जुलाई महीने में 13.5 करोड़ का लक्ष्य भी पूरा होता नहीं दिख रहा है। इस रविवार तक 9.94 करोड़ खुराक लगाई जा सकी है और मौजूदा रफ़्तार से आगे भी वैक्सीन लगाई जाती है तो 12.5 करोड़ टीके इस महीने लगाए जाने की संभावना है। फ़िलहाल हर रोज़ औसत रूप से 38.26 लाख खुराक लगाई जा रही है।
को-विन वेबसाइट पर दिए गए आँकड़ों के अनुसार 26 जून को जहाँ 65 लाख टीके लगाए गए थे वहीं 25 जून को 20 लाख टीके ही लगाए जा सके। अब यदि 13.5 करोड़ के लक्ष्य को पूरा करना है तो हर रोज़ 60 लाख टीके लगाए जाने होंगे। लेकिन क्या यह संभव है, वह भी तब जब इस पूरे महीने में सिर्फ़ दो बार ही 60 लाख टीके लगाए जा सके हैं?
जुलाई महीने के लिए यह लक्ष्य तब तय किया गया था जब जून महीने में 21 जून को टीकाकरण का नया अभियान शुरू किया गया था। उसी दिन से देश में 18 वर्ष से ज़्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए मुफ़्त टीका लगाया जा रहा है। पहले दिन तो खुराक लगाने में रिकॉर्ड बनाया गया, लेकिन इसके बाद से टीकाकरण की गति धीमी हो गई है। को-विन वेबसाइट के इन आँकड़ों को पढ़िए। देश में 21 जून को एक दिन में 91 लाख कोरोना टीके लग गए थे, लेकिन अब हाल के दिनों में हर रोज़ औसत रूप से 38 लाख खुराक ही लगाई जा रही है।
आधिकारिक आँकड़ों से पता चलता है कि 26 जून को ख़त्म होने वाले सप्ताह में 4.5 करोड़ खुराक लगाई गई थी जो कम होकर 25 जुलाई को ख़त्म होने वाले सप्ताह में 2.8 करोड़ हो गई।
टीकाकरण अभियान धीमा तब पड़ गया है जब केंद्र सरकार ने तय कर रखा है कि वह इस साल के आख़िर तक वैक्सीन के लिए योग्य पूरी आबादी को टीका लगवा देगी।
पिछले महीन ही यह रिपोर्ट आई थी कि इस साल के आख़िर तक सभी को टीके लगाने के लिए हर रोज़ औसत रूप से 80-90 लाख टीके लगाए जाने की ज़रूरत होगी। पर सरकार इतनी संख्या में टीके नहीं लगवा पा रही है। अब तो औसत रूप से क़रीब 38 लाख ही हर रोज़ टीके लगाए जा रहे हैं।
सरकार की ओर से कहा गया था कि जुलाई से टीके की उपलब्धता और बढ़ जाएगी। लेकिन जुलाई महीना अब ख़त्म होने को आया, पर अभी तक टीकाकरण तेज़ होता नहीं दिख रहा है। इस मामले में सरकार ने पहले तो कहा था कि अगस्त से लेकर दिसंबर तक पाँच महीने में 216 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध करा देगी, लेकिन बाद में उसने इस आँकड़े को संशोधित किया था। सरकार ने कहा था कि वह 135 करोड़ वैक्सीन ही उपलब्ध करा पाएगी। हालाँकि, मौजूदा हालात में तो यह लक्ष्य भी काफ़ी दूर नज़र आ रहा है।
देश में फ़िलहाल 44 करोड़ 19 लाख खुराक ही लगायी जा सकी है। देश की टीके के योग्य आबादी की क़रीब 7 फ़ीसदी जनसंख्या को ही दोनों टीके लगाए जा सके हैं। दुनिया भर के कई देशों से इस मामले में भारत पीछे है। 'ब्लूमबर्ग' के वैक्सीन ट्रैकर के अनुसार, यूरोपीय संघ में 47%, अमेरिका में 49%, ब्रिटेन में 55%, जर्मनी में 49 फ़ीसदी, इटली, स्पेन व कनाडा में 50 फ़ीसदी से ज़्यादा जनसंख्या को पूरी तरह टीका लगाया जा चुका है। ब्राज़ील में भी 17 फ़ीसदी से ज़्यादा आबादी को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। पर्याप्त टीकाकरण की कमी के कारण विकासशील देशों के सामने कोरोना संक्रमण के फैलने का ख़तरा ज़्यादा है।