रसोई गैस महंगी; अखिलेश बोले- उज्ज्वला का नाम ‘बुझव्वला योजना’ कर दें

01:42 pm Aug 19, 2021 | सत्य ब्यूरो

गैस सिलेंडर के दाम अगस्त में फिर 25 रुपये बढ़े हैं। मार्च 2014 में जिस रसोई गैस का दाम दिल्ली में 410 रुपये था वह अब 859 रुपये यानी दोगुना से भी ज़्यादा हो गया है। गैस इतनी महंगी होने के बाद भी इसके दाम बढ़ते ही जा रहे हैं, रुकने या कम होने का तो जैसे सवाल ही नहीं हो! बुधवार को जब 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस के सिलेंडर के दाम 25 रुपये बढ़े तो समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को सरकार पर जबर्दस्त हमला बोला।

सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार ने दाम बढ़ाकर लोगों के घर के चूल्हे 'बुझा' दिए हैं। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना का नाम बदलकर ‘बुझव्वला योजना’ कर देना चाहिए। 

हाल ही प्रधानमंत्री मोदी ने ज़रूरतमंदों के लिए एलपीजी कनेक्शन तक पहुँच को आसान बनाने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के दूसरे चरण की शुरुआत की है। इस योजना के पहले चरण में ग़रीबी रेखा से नीचे के परिवारों को 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन वितरित किए गए। योजना के दूसरे चरण में 1 करोड़ और कनेक्शन जोड़ने का लक्ष्य है। इससे देश में एलपीजी उपभोक्ताओं की कुल संख्या 30 करोड़ के करीब पहुँच जाने की संभावना है। हालाँकि, अब तक रिपोर्टें आती रही हैं कि पहले चरण में जिन उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिए गए उनमें से अधिकतर ने सिलेंडरों में रिफिल नहीं कराया है।  

प्रधानमंत्री की इसी घोषणा के संदर्भ में अखिलेश ने यह हमला तब किया है जब एक दिन पहले ही रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी की गई है। सिलेंडर की क़ीमत में मंगलवार को 25 रुपये की बढ़ोतरी करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में एक घरेलू सिलेंडर की क़ीमत अब 859 रुपये हो गई है। पूरे देश में इसी अनुपात में क़ीमतों में बढ़ोतरी की गई है, लेकिन दूसरे ख़र्चों की वजह से अलग-अलग राज्यों में सिलेंडर के दाम में अंतर रहता है। 

यह लगातार दूसरा महीना है जब तेल कंपनियों ने घरेलू रसोई गैस की क़ीमतों में बढ़ोतरी की है। 1 जून को एक घरेलू सिलेंडर की क़ीमत 809 रुपये थी, जिसे 1 जुलाई को बढ़ाकर 834 रुपये कर दिया गया था। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि संसद सत्र के दौरान सरकार पर दबाव कम रखने के लिए तेल कंपनियों ने 1 अगस्त को एलपीजी की क़ीमतों में बढ़ोतरी को रोक दिया था। 

इस तरह इसी साल 1 जनवरी से 17 अगस्त के बीच घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की क़ीमत में 165 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।

यह तो बात हुई इस साल की बढ़ोतरी के बारे में। 2014 के बाद से इसमें दोगुना से ज़्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है। खुद सरकार ने इस बात को माना। इसी साल मार्च में तत्कालीन तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि 'घरेलू गैस का खुदरा बिक्री मूल्य 1 मार्च 2014 को 410.5 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर था। मार्च 2021 में एक सिलेंडर की क़ीमत 819 रुपये हो गयी।' इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि पेट्रोल और डीजल पर करों में वृद्धि से संग्रह में 459% से अधिक की वृद्धि हुई है।

बता दें कि मई 2020 में एलपीजी सब्सिडी को समाप्त करने के बाद से 'सब्सिडी' वाले घरेलू सिलेंडर की यह उच्चतम क़ीमत है। मौजूदा समय में सब्सिडी नाम मात्र या नहीं के बराबर दी जा रही है और इस तरह बढ़ी हुई क़ीमतों का बोझ सीधे आम उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। 

देश भर में ईंधन की क़ीमतें रिकॉर्ड ऊँचाई पर हैं। राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल 101.84 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89.87 रुपये प्रति लीटर है। जुलाई 2021 की शुरुआत से इन क़ीमतों में कोई ख़ास बदलाव नहीं किया गया है।