पेगासस सॉफ़्टवेअर के ज़रिए जासूसी करने के मामले में केंद्र सरकार बुरी तरह घिरती जा रही है। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस मामले की जाँच कराने की माँग की है। इसके साथ ही उसने सरकार से कहा है कि वह इस मामले में श्वेत पत्र जारी करे।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि जिस तरह जैन हवाला कांड की जाँच की गई थी, ठीक वैसी ही जाँच इस मामले की भी हो और सरकार पूरे मामले पर एक श्वेत पत्र पेश करे।
सिब्बल ने यह भी कहा कि इस मामले की जाँच बंद कमरे में होनी चाहिए ताकि सच का पता चल सके।
क्या कहा है कपिल सिब्बल ने?
कांग्रेस के इस नेता ने श्वेत पत्र के मुद्दे पर कहा, "सरकार को यह बताना चाहिए कि उन्होंने कभी भी पेगासस सॉफ़्टवेअर का इस्तेमाल किया है या नहीं। अगर सरकार या उसकी एजेंसियों ने पेगासस का इस्तेमाल नहीं किया है तो फिर किसने किया है? स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनी एनएसओ कहती है कि वह सरकारी एजेंसियों के सिवा किसी को ये सॉफ़्टवेयर नहीं बेचती है।"
इसके साथ ही उन्होंने यह भी माँग की है कि सरकार को श्वेत पत्र में यह भी बताना चाहिए कि क्या उनकी किसी एजेंसी ने पेगासस सॉफ़्टवेअर को इस्तेमाल किया।
सिब्बल ने कहा,
“
आप कहते हैं कि आप प्राइवेट डेटा प्रोटेक्शन लेकर आ रहे हैं, लेकिन आप पेगासस की मदद से डेटा संग्रहित कर रहे हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा को एक ख़तरा है, क्योंकि डेटा एक ऐसी एजेंसी को लीक होता है जिसका भारत से कोई संबंध नहीं है।
कपिल सिब्बल, सांसद, कांग्रेस
ऑफ़िशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन
कांग्रेस सांसद ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल का नाम संभावित लक्ष्यों में शामिल होने की ओर संकेत करते हुए कहा कि अगर सरकार या इसकी एजेंसियों ने किसी मंत्री के फ़ोन में मालवेयर भेजकर फ़ोन टैप किया है तो ये ऑफ़िशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन है।
'देश नहीं सरकार बदनाम हो रही'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को इन आरोपों को भारतीय लोकतंत्र के ख़िलाफ़ एक साजिश करार दिया था। उन्होंने कहा था कि जासूसी के इन आरोपों का उद्देश्य दुनिया भर में भारत को अपमानित करना है। उन्होंने कहा था कि इससे देश बदनाम हो रही है।
अमित शाह ने कहा, "लोग कई बार इस वाक्य को हल्के फुल्के में लेते हैं, पर मैं इस बार इस मुद्दे पर गंभीर बात कहना चाहता हूँ। चुनिंदा मामलों को लीक करने का समय क्या है, और इसके बाद व्यवधान। आप क्रोनोलोजी समझिए।"
कपिल सिब्बल ने सरकार पर तंज किया और कहा कि इससे देश नहीं, सरकार बदनाम हो रही है, हम क्रोनोलोजी अच्छी तरह समझ रहे हैं।
क्या कहा था रविशंकर प्रसाद ने?
इस तरह पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पूछा है कि जब 45 देस पेगासस सॉफ़्टवेअर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो भारत क्यों निशाने पर लिया जा रहा है, भारत में इस पर इतना बावेला क्यों मचा हुआ है?
प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, पेगासस बनाने वाले एनएसओ ने कहा है कि मुख्य रूप से पश्चिमी देश इस सॉफ़्टवेअर का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में भारत को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है? भारत को निशाने पर कौन ले रहा है?
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग संसद के मानसून सत्र के ठीक पहले क्यों यह खबर ले आए और क्यों इस तरह का वातावरण तैयार कर दिया?
प्रसाद ने राहुल गांधी का नाम लिए बग़ैर कहा कि कुछ लोगों के नाम पहले इसमें डाले गए और उसके बाद निकाल दिए गए।
उन्होंने इसके साथ ही कहा, क्या हम इससे इनकार कर सकते हैं कि एमनेस्टी इंटरनेशनल का एजेंडा भारत का विरोध करना है?
बता दें कि भारत के 'द वायर' समेत 16 मीडिया कंपनियों के कंसोर्शियम ने काफी गहन छानबीन और फ़ोरेंसिक जाँच के बाद कहा है कि इज़रायल में बने जासूसी सॉफ़्टवेअर या स्पाइवेअर पेगासस का इस्तेमाल कर भारत के 300 लोगों की जासूसी की गई है, उनके फ़ोन इंटरसेप्ट किए गए हैं।