सोनिया-मनमोहन ने मोदी सरकार से पूछा, 17 मई के बाद क्या योजना है?

02:51 pm May 06, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार से पूछा है कि लॉकडाउन 3.0 के बाद मोदी सरकार की क्या योजना है? दोनों नेताओं ने बुधवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये बातचीत की। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बातचीत के बारे में जानकारी दी। 

सोनिया ने सरकार से पूछा कि 17 मई के बाद क्या होगा और लॉकडाउन कब तक जारी रहेगा। मनमोहन सिंह ने कहा, ‘मुख्यमंत्रियों को भारत सरकार से इस बारे में पूछना चाहिए कि देश को लॉकडाउन से बाहर निकालने को लेकर उसकी क्या रणनीति है।’ लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई तक है। 

इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि दिल्ली में बैठे लोग ज़ोन बनाने का फ़ैसला कर रहे हैं जबकि उन्हें ज़मीनी हालात के बारे में कुछ पता नहीं है। 

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने भी ऐसा ही आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार बिना राज्यों से बातचीत किए ज़ोन बनाने का फ़ैसला ले रही है और इससे अजीब हालात बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठे लोग मुख्यमंत्रियों से सलाह तक नहीं लेते। 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बिना प्रोत्साहन पैकेज के राज्य कैसे चलेंगे। गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से राजस्थान सरकार को 10 हज़ार करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ‘राज्य बेहद ख़राब आर्थिक हालात का सामना कर रहे हैं। उन्हें तुरंत मदद दिए जाने की ज़रूरत है।’ उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अकेला ऐसा राज्य है, जहां 80 फ़ीसदी छोटे उद्योग शुरू हो चुके हैं और 85 हज़ार श्रमिक काम पर लौट आए हैं। 

पिछले हफ़्ते कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछा था कि लॉकडाउन कब ख़त्म होगा। सुरजेवाला ने पूछा था, ‘लॉकडाउन 3.0 के पीछे क्या उद्देश्य है। क्या यह आख़िरी है या लॉकडाउन 4.0 और लॉकडाउन 5.0 भी आएगा। यह पूरी तरह ख़त्म कब होगा।’

सुरजेवाला ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर, बुलेट ट्रेन परियोजना के ख़र्चों में कटौती करें और इससे बचने वाले पैसे को कोरोना से लड़ाई में राज्यों को दिया जाए।  

प्रवासी मजदूरों की आवाज़ उठाई 

कोरोना संकट के दौरान कांग्रेस मोदी सरकार को तो घेर ही रही है, अर्थव्यवस्था और प्रवासी मजदूरों से जुड़े मुद्दों पर भी उसने आक्रामक तेवर दिखाए हैं। कांग्रेस की ओर से जब प्रवासी मजदूरों के ट्रेन भाड़े का ख़र्च उठाने की घोषणा की गई थी तो ख़ासा हंगामा मच गया था। 

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि प्रवासी मजदूरों से किराया वसूला जा रहा है। सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पी. चिदंबरम ने भी मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था।