भारत-चीन के बीच सीमा पर चल रहे तनाव के कारण दोनों ओर के जवान लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के इलाक़े में मुस्तैद हैं। गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने चीन को कई जगहों पर बैकफ़ुट पर धकेल दिया है और युद्ध का साजो-सामान भी जुटा लिया है। ऐसे हालात में ड्रैगन पर भरोसा करना बेहद मुश्किल है क्योंकि एक ओर वह सीमा पर शांति बनाए रखने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर नापाक हरक़तें भी करता रहता है।
सीमा पर उसकी ऐसी ही हरक़त तब पकड़ में आई जब पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक जवान को सोमवार सुबह भारतीय सीमा में पकड़ लिया गया। इंडिया टुडे के मुताबिक़, यह जवान लद्दाख के डेमचोक इलाक़े में पकड़ा गया और इसका नाम वांग या लांग है। इसके पास से सिविल और मिलिट्री से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।
यह जवान कॉरपोरल रैंक का है और चीन के झेजियांग प्रांत का रहने वाला है। भारतीय जवानों ने जैसे ही इस चीनी सैनिक को अपनी सीमा में देखा, उसे हिरासत में ले लिया। भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा है कि वह एलएसी पर भटक गया था। पीएलए की ओर से भारतीय सेना से उस जवान को छोड़े जाने का अनुरोध किया गया।
ख़ुफ़िया एजेंसियां अलर्ट
भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियां इस बात की जांच में जुट गई हैं कि क्या चीनी जवान किसी ख़ुफ़िया मिशन पर था। भारतीय सेना ने कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत उसे चीनी अफ़सरों के हवाले कर दिया जाएगा लेकिन इससे पहले कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। सेना ने यह भी कहा है कि चीनी जवान को मेडिकल सहायता देने के साथ ही खाना और गर्म कपड़े भी दिए गए।
देखिए, भारत-चीन सीमा तनाव पर क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष-
बातचीत जारी, नतीजा सिफर
भारत और चीन के बीच पिछले छह माह से चल रहे तनाव के बीच दोनों ओर से बातचीत जारी है। कमांडर लेवल से लेकर राजनयिक स्तर तक की बातचीत हो चुकी है। दोनों देशों के रक्षा मंत्री भी मिल चुके हैं लेकिन ड्रैगन अपनी गुस्ताखियों से बाज़ नहीं आ रहा है। दोनों देशों के बीच 12 अक्टूबर को सातवीं बार सैन्य स्तर की वार्ता हुई थी। इस सबके बाद भी नतीजा सिफर ही रहा है।
भारत की तैयारी लंबी
भारत भी पूरी तैयारी के साथ सीमा पर डटा हुआ है। भारतीय सेना ने अमेरिका से ठंड के मौसम में काम आने वाले कपड़े और ऊंचाई पर लड़ने वाले हथियार खरीदने का फ़ैसला किया है। 'लाइव मिंट' के अनुसार, सेना के दूसरे नंबर के अफ़सर जनरल एस. के. सैनी जल्द ही अमेरिकी सेना के हिंद-प्रशांत कमांड का दौरा करेंगे और अमेरिकी अफसरों से बात करेंगे।
ड्रैगन की धूर्तता
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के अनुसार, चीन का कहना है कि मई से पहले की स्थिति बहाल करने पर बातचीत शुरू करने के लिए यह ज़रूरी है कि भारत पहले पैंगोंग त्सो का दक्षिणी इलाक़ा खाली करे। भारत लगातार पुरानी स्थिति को बहाल करने की बात कहता रहा है। यानी दोनों देशों की सेनाएं अपने-अपने सैनिकों को वहां तक वापस बुला लें जहां तक अप्रैल में उनकी मौजूदगी थी।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारतीय सेना ने 7 जगहों पर एलएसी को पार कर चीनी इलाक़े पर कब्जा कर लिया है। इससे भारतीय सेना को चीन के मुक़ाबले बढ़त मिली है और हमारी स्थिति मजबूत हो गई है।
राजनाथ ने दिया था सख़्त संदेश
चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंघे के साथ मॉस्को में हुई बातचीत में राजनाथ सिंह ने ड्रैगन को साफ-साफ शब्दों में बता दिया था कि भारत क्या चाहता है। राजनाथ सिंह ने चीनी समकक्ष से कहा था कि चीन को एलएसी का सम्मान करना ही होगा। उन्होंने कहा था कि ड्रैगन एलएसी की मौजूदा स्थिति को बदलने की कोई भी एकतरफ़ा कोशिश न करे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि भारत अपनी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।