पेगासस पर चिदंबरम और मायावती ने मोदी सरकार को घेरा

02:09 pm Jan 30, 2022 | सत्य ब्यूरो

पेगासस स्पाइवेयर पर ताजा विवाद के बीच, कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भारत और इजरायल के बीच राजनयिक संबंधों के 30 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश पर कटाक्ष किया। पी. चिदंबरम ने कहा, "इजरायल से पूछने का यह सबसे अच्छा समय है कि क्या उनके पास पेगासस स्पाइवेयर का कोई उन्नत संस्करण (अपग्रेड वर्जन) है।"

पी. चिदंबरम ने पीएम मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। जिसमें मोदी ने शनिवार को कहा था कि दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता। चिदंबरम की टिप्पणी न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के एक दिन बाद आज आई है, जिसमें कहा गया है कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली 2017 में भारत और इजरायल के बीच हुए रक्षा सौदे का हिस्सा थे। यह सौदा लगभग 2 अरब डॉलर का हुआ था।

भारत और इजरायल के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 30 साल पूरे होने पर शनिवार को पीएम मोदी ने एक विशेष वीडियो संदेश जारी किया था। पीएम मोदी ने कहा था, 'हमारे देशों के बीच संबंधों का इतिहास बहुत पुराना है। भारत और इजरायल के लोगों के बीच सदियों से मजबूत संबंध रहे हैं।'

मायावती भी बोलीं

बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी पेगासस को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि इसकी जांच कराई जाए। मायावती ने कहा - पेगासस जासूसी काण्ड का भूत केन्द्र सरकार व भाजपा की नींद लगातार उड़ाए हुए है। इस अति-गंभीर मामले में नित्य नए खुलासे हो रहे हैं, फिर भी देश व जनता के प्रति जवाबदेह व जिम्मेदार होकर विश्वसनीय जवाब देने के बजाय केन्द्र की चुप्पी और भी नए सवाल खड़ी करती है। सरकार खुलासा करे।

बीएसपी प्रमुख ने केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के.सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पेगासस के नए तथ्यों पर पूर्व सेना प्रमुख व केन्द्रीय मंत्री की ’सुपारी मीडिया’ जैसी टिप्पणी अति-अशोभनीय, जो सरकार की संकीर्ण सोच को प्रमाणित करता है। पेगासस मामले में भारत का नाम मैक्सिको, पोलैण्ड, हंगरी आदि देशों के शासकों की श्रेणी में आना भी कम चिन्ता की बात नहीं।

राहुल गांधी, कांग्रेस नेता

क्या कहती है कांग्रेस?

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने सरकार पर चौतरफा हमला किया। उस पर संसद को धोखा देने, सुप्रीम कोर्ट को धोखा देने, लोकतंत्र का अपहरण करने और इसमें लिप्त होने का आरोप लगाया। उसने कहा ये राजद्रोह है। कांग्रेस ने कहा कि वह अगले सप्ताह से शुरू होने वाले बजट सत्र में इस मुद्दे को उठाने का इरादा रखती है, और संसद के पटल पर पीएम मोदी और बीजेपी सरकार से जवाबदेही की मांग करेगी। कांग्रेस का इरादा स्पष्ट होने के साथ ही, अब 2022 का बजट सत्र भी पेगासस मुद्दे की भेंट चढ़ सकता है। 2021 के पूरे मॉनसून सत्र में विपक्षी दलों ने जनता के मुद्दे उठाए थे लेकिन सरकार ने चर्चा नहीं होने दी। पूरा मॉनसून सत्र हंगामे में निकल गया था।  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर विपक्षी नेताओं, सशस्त्र बलों और अदालत के जजों के फोन पेगासस स्पाइवेयर के जरिए कथित रूप से "टैप" करने का आरोप लगाया था। राहुल ने कहा था कि मोदी सरकार ने राजद्रोह किया है। राहुल ने कहा था -  

मोदी सरकार ने हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों, राजनेताओं और जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस को खरीदा। सरकारी अधिकारी, विपक्षी नेता, सशस्त्र बल, न्यायपालिका सभी के फोन टैपिंग के निशाने पर थे। यह देशद्रोह है।


राहुल गांधी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट क्या कहती है?

'द बैटल फॉर द वर्ल्ड्स मोस्ट पावरफुल साइबरवेपन' शीर्षक वाली न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल सिस्टम 2017 में भारत और इजरायल के बीच 2 अरब डॉलर के सौदे (परिष्कृत हथियार और खुफिया गियर सिस्टम) का "अहम हिस्सा" थे। रिपोर्ट में जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री मोदी की इजराइल यात्रा का भी उल्लेख किया गया। मोदी उस देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने दशकों से फिलिस्तीनी मुद्दे पर प्रतिबद्धता की नीति को बनाए रखा था और इजरायल के साथ उसके संबंध ठंडे थे। मोदी की यात्रा से सब कुछ बदल गया।

मोदी और तत्कालीन इज़रायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एकसाथ समुद्र तट पर नंगे पांव चलते हुए देखा गया। यह तस्वीर ही बड़ा संकेत दे गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी और नेतन्याहू की इस गर्मजोशी वाली तस्वीर के पीछे वही 2 अरब डॉलर का रक्षा सौदा था, जिसके साथ जासूसी के लिए पेगासस खरीदा गया था। बहरहाल, सरकार और बीजेपी ने न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर पर कोई अधिकृत प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के. सिंह ने न्यूयॉर्क टाइम्स को सुपारी मीडिया बता डाला। जनरल साहब यह नहीं बता सके कि न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर गलत है या सही है। अगर अमेरिकी अखबार सुपारी मीडिया है तो जनरल वी.के. सिंह या उनकी सरकार बताए कि न्यूयॉर्क टाइम्स किस तरह सुपारी मीडिया है।