नागरिकता क़ानून पर मोदी और शाह के बीच चल रहा झगड़ा: भूपेश बघेल

12:03 pm Jan 21, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

देश भर में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन जारी हैं और विपक्षी दलों की कई राज्य सरकारें इस क़ानून के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को कहा है कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बीच नागरिकता संशोधन क़ानून के मुद्दे पर झगड़ा चल रहा है। 

बघेल ने रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘अमित शाह कहते हैं कि नागरिकता संशोधन क़ानून, नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) और एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) क्रोनोलॉजी के पार्ट हैं। जबकि मोदी इस बात का दावा करते हैं कि एनआरसी को लागू नहीं किया जाएगा। ऐसे में कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ’ बघेल ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी और शाह के बीच झगड़ा चल रहा है और इस वजह से सारे देश के लोगों को परेशानी हो रही है। 

‘अमित शाह ले रहे फ़ैसले’

बघेल ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने का काम कर रही है। कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बीजेपी के पहले पाँच साल में प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी और जीएसटी को लागू किया लेकिन पिछले सात से आठ महीनों से फ़ैसले अमित शाह ले रहे हैं। शाह ने ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया, नागरिकता क़ानून लाये और अब एनपीआर लाने की योजना बना रहे हैं।’ बघेल ने इस पर हैरानी जताई कि ग़रीब लोग अपनी नागरिकता साबित करने के लिए ज़रूरी दस्तावेज कहां से देंगे। 

भूपेश बघेल नागरिकता क़ानून, एनआरसी के ख़िलाफ़ ख़ासे मुखर रहे हैं और कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि वह पहले ऐसे शख़्स होंगे जो एनआरसी पर दस्तख़त नहीं करेंगे।

‘एनआरसी पर फैलाया जा रहा झूठ’

एनआरसी को लेकर मचे शोर के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में कुछ दिनों पहले हुई एक रैली में कहा था कि एनआरसी को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि उनकी सरकार बनने के बाद से आज तक एनआरसी को लेकर कोई चर्चा तक नहीं हुई है। मोदी ने कहा था कि अर्बन नक्सल लोगों को डरा रहे हैं, डिटेंशन सेंटर का भ्रम पैदा कर रहे हैं। 

मोदी के बयान के बाद सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हुए जिनमें गृह मंत्री अमित शाह यह कहते सुने गये कि मोदी सरकार 2024 से पहले देश भर में एनआरसी को लागू करेगी। तब सवाल यह उठा था कि क्या मोदी और अमित शाह में कोई मतभेद हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री ने रैली में बेहद आक्रामक अंदाज में कहा था कि एनआरसी को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। उसके बाद कई इंटरव्यू में अमित शाह एनआरसी को लेकर बोलने से बचते दिखाई दिये जबकि पहले वह इस मुद्दे पर खुलकर बोलते थे। 

मोदी सरकार का कहना है कि नागरिकता संशोधन क़ानून नागरिकता देने के लिए लाया गया है न कि नागरिकता लेने के लिए। लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि यह क़ानून धार्मिक आधार पर विभाजन करता है और लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है। ऐसे में विपक्ष और केंद्र सरकार के बीच इस मुद्दे पर लड़ाई बढ़ती जा रही है।