विदेशी चंदा केस: सीबीआई ने एनजीओ के 40 स्थानों पर मारे छापे 

10:01 pm May 10, 2022 | सत्य ब्यूरो

सीबीआई ने विदेशी चंदा मामले में एनजीओ से जुड़े 40 स्थानों पर छापे मारे हैं। ये छापे दिल्ली, राजस्थान, चेन्नई, हैदराबाद, कोयंबटूर, और मैसूर जैसे शहरों में मारे गए। एक रिपोर्ट के अनुसार कम से कम 5 सरकारी अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है। उन पर आरोप है कि उन्होंने घूस लेकर कुछ एनजीओ को विदेशी चंदे की मंजूरी दी थी।

एक रिपोर्ट में सीबीआई सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने रिश्वत के बदले गैर-सरकारी संगठनों को अवैध विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम यानी एफसीआरए की मंजूरी दी।

सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गृह मंत्रालय के सरकारी अधिकारी, एनजीओ के प्रतिनिधि और बिचौलिए को विदेशी फंडिंग क्लीयरेंस हासिल करने के लिए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार प्रमुख जांच एजेंसी ने कहा कि बारह गैर सरकारी संगठनों की जांच चल रही है। एजेंसी ने तलाशी के बाद कहा है कि हवाला चैनलों के ज़रिए करीब दो करोड़ रुपये का अवैध लेनदेन पाया गया है। गृह मंत्रालय की सूचना के बाद सीबीआई ने छापेमारी की।

हालाँकि, द इंडियन एक्सप्रेस ने ख़बर दी है कि गृह मंत्रालय के 6 अधिकारियों से घूस लेने के आरोपों को लेकर पूछताछ की जा रही है। 

रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई सूत्रों ने दावा किया है कि लोक सेवकों सहित कुछ आरोपियों को रिश्वत का आदान-प्रदान करते हुए पकड़ा गया है। उन्होंने कहा, 'लगभग आधा दर्जन लोक सेवकों और अन्य से पूछताछ की जा रही है। अब तक की तलाशी के दौरान हवाला चैनलों के जरिए करीब दो करोड़ रुपये का लेनदेन पाया गया है।'

गृह मंत्रालय का एफसीआरए विभाग, मंत्रालय के विदेश विभाग का हिस्सा है और एफसीआरए के तहत गैर सरकारी संगठनों को विदेशों से धन प्राप्त करने की अनुमति देने के लिए ज़िम्मेदार है। यदि वे कानून का उल्लंघन करते पाए जाते हैं तो पंजीकरण रद्द किए जा सकते हैं।

पिछले महीने डिवीजन ने एफसीआरए के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए ईसाई इवेंजलिज़्म से जुड़े कुछ अन्य गैर सरकारी संगठनों के साथ अंतरराष्ट्रीय एनजीओ कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव के एफसीआरए पंजीकरण को रद्द कर दिया था।

एक अधिकारी के अनुसार एजेंसी ने एफसीआरए डिवीजन में भ्रष्टाचार के बारे में एमएचए की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की है। शिकायत कुछ दिन पहले मिली थी और सत्यापन के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है। अब रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि गृह मंत्रालय के उन अधिकारियों को गिरफ़्तार किया जा सकता है।