शाहरुख खान के बेटे आर्यन को गिरफ्तार करने वाले मादक पदार्थ विरोधी अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ सीबीआई ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसी वानखेड़े के परिसरों की तलाशी ले रही है। सीबीआई मुंबई एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के अलावा तीन अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, एजेंसी ने मुंबई, दिल्ली, रांची और कानपुर में 29 ठिकानों पर छापेमारी की है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी मुंबई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की टीम ने इस मामले में अक्टूबर 2021 में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को 15 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। एनसीबी ने दावा किया था कि उसने कॉर्डेलिया क्रूज पर एक रेव पार्टी पर छापा मार कर 13 ग्राम कोकीन, 21 ग्राम चरस, 22 ग्राम एमडीएमए पाँच ग्राम एमडी बरामद किए थे। इसी ड्रग्स मामले में एनसीबी ने आर्यन और दूसरे लोगों को गिरफ़्तार किया था।
आर्यन ख़ान पर प्रतिबंधित नशीले पदार्थ खरीदने, रखने और उनका इस्तेमाल करने के आरोप लगाए गए थे। आर्यन ख़ान 3 हफ़्ते से ज़्यादा समय तक जेल में रहे थे। इस दौरान दो बार उनकी ज़मानत याचिका खारिज की गई थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2021 में 28 अक्टूबर को उनको जमानत दी थी।
चार सप्ताह जेल में बिताने वाले आर्यन खान को मई 2022 में एंटी-ड्रग्स एजेंसी द्वारा पर्याप्त सबूतों की कमी के कारण सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था। उन्हें रिहा करने से पहले 28 अक्टूबर को जमानत देने वाले आदेश में अदालत ने कहा था कि आरोपियों- आर्यन ख़ान, अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमेचा के बीच साज़िश दिखाने वाले क़रीब-क़रीब कोई भी सकारात्मक सबूत नहीं हैं।
अदालत ने कहा था, 'इस न्यायालय को यह समझाने के लिए रिकॉर्ड पर शायद ही कोई सकारात्मक सबूत है कि सभी आरोपी व्यक्ति आम इरादे से गैरकानूनी कार्य करने के लिए सहमत हुए। बल्कि इस दिन तक की गई जांच से पता चलता है कि आर्यन और मर्चेंट तीसरे आरोपी धमेचा से अलग यात्रा कर रहे थे और उक्त मुद्दे पर उनकी कोई बैठक नहीं हुई।' बाद में एनसीबी ने भी उन्हें क्लीनचिट दे दी थी।
क्रूज ड्रग्स मामले में एनसीबी द्वारा आर्यन ख़ान को क्लीनचिट दिए जाने के बाद एनसीबी अधिकारियों की कथित गड़बड़ियों का मामला सामने आया था। तब कहा गया था कि उन अधिकारियों की जाँच में ये कथित खामियाँ पाए जाने पर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई भी हो सकती है।
पिछले साल मई में आर्यन खान मामले की जांच करने वाले एनसीबी के अफसर समीर वानखेड़े का चेन्नई ट्रांसफर कर दिया गया था। क्रूज ड्रग्स मामले में आर्यन खान को निर्दोष पाया गया था और इसके बाद समीर वानखेड़े की जमकर आलोचना हुई थी। वानखेड़े को करदाता सेवा महानिदेशालय में भेजा गया था।
इस मामले की जांच के दौरान समीर वानखेड़े मुंबई में एनसीबी के जोनल डायरेक्टर थे। लेकिन इसके बाद उनका मुंबई में ही एक दूसरे विभाग में ट्रांसफर किया गया था। जांच में आर्यन खान को क्लीन चिट मिलने के बाद एनसीबी के महानिदेशक ने कहा था कि आर्यन खान मामले की जांच में शामिल अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी समीर वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था। एनसीपी और शिवसेना के नेताओं ने सवाल उठाया था कि समीर वानखेड़े व एनसीबी के दूसरे अफसरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई कब होगी?
इस मामले की जांच के दौरान एनसीपी के नेता और कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने भी समीर वानखेड़े पर तमाम गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि यह पूरा मामला सिर्फ और सिर्फ उगाही का है।
इस मामले की जांच के दौरान समीर वानखेड़े पर जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी हासिल करने सहित कई गंभीर आरोप लगे थे। नवाब मलिक ने कहा था कि समीर वानखेड़े मुसलमान हैं और उनके निकाह की कई तस्वीरें भी उन्होंने जारी की थी। समीर वानखेड़े को गिरफ्तार किए जाने की मांग सोशल मीडिया पर उठी थी।
समीर वानखेड़े ने आर्यन खान मामले की जांच के दौरान कई गलतियां की। उन्होंने सर्च ऑपरेशन के दौरान कोई वीडियोग्राफी नहीं कराई और ना आर्यन खान का कोई मेडिकल टेस्ट करवाया जिससे यह साबित हो सके कि उन्होंने ड्रग्स ली थी या नहीं। इस मामले में जिन और लोगों को गिरफ्तार किया गया सभी के खिलाफ एक जैसे आरोप लगाए गए थे।