चिदंबरम 26 अगस्त तक रहेंगे सीबीआई हिरासत में 

06:53 pm Aug 22, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

सीबीआई अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को 26 अगस्त तक हिरासत में रखने का आदेश दे दिया है। सीबीआई ने 5 दिन की हिरासत माँगी थी, उसे 4 दिन की हिरासत मिली है। अदालत ने कहा कि तथ्यों को देखते हुए चार दिनों की हिरासत वाजिब है।

सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा कि हर दो दिन पर चिदंबरम के स्वास्थ्य की जाँच की जाएगी। उनके परिवार वालों को रोज़ाना आधे घंटे तक उनसे मुलाक़ात करने की छूट मिलेगी। पर्यवेक्षकों का कहना है कि फ़ैसला पर किसी को ताज्जुब नहीं होना चाहिए। इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी थी। यह एक बड़ा कारण बना। 

सीबीआई ने चिदंबरम को 5 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने की माँग करते हुए तर्क दिया कि चिदंबरम उनसे पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वह पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने ज़रूरी काग़जात भी पेश नहीं किए हैं। पद्मिनी सिंह और तुषार मेहता सीबीआई के वकील हैं। 

केंद्रीय एजेन्सी ने यह भी कहा कि दूसरे लोगों को चिदंबरम के पास बैठा कर पूछताछ तभी हो सकती है जब चिदंबरम को हिरासत में रखा जाए। सीबीआई ने यह माना है कि उनके पास कोई चार्जशीट नहीं है, लिहाज़ा वे केस डायरी पेश करने को तैयार हैं।

क्या कहा सिब्बल ने?

चिदंबरम की ओर से मशहूर वकील कपिल सिब्बल ने अदालत के सामने बातें रखीं। उन्होंने सीबीआई के तर्कों का विरोध करते हुए इस बात को खारिज कर दिया कि चिदंबरम  जाँच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने पूछताछ के लिए जब कभी चिदंबरम को बुलाया, वह उसके सामने पेश हुए। इसलिए जाँच में सहयोग नहीं करने की बात बेतुकी है। 

सिब्बल ने यह भी कहा कि आईएनएक्स को विदेशी निवेश की छूट देने का फ़ैसला फ़ॉरन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड का सामूहिक फ़ैसला था, उस संस्था के किसी अफ़सर को गिरफ्तार नहीं किया गया, फिर चिंदबरम को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है?

सिब्बल ने यह तर्क भी दिया कि कहा कि दूसरे अभियुक्त तो पहले से ही ज़मानत पर हैं, ऐसे में चिदंबरम को भी ज़मानत मिलनी चाहिए। 

सिब्बल ने यह भी कहा कि सीबीआई ने आज चिदंबरम से सिर्फ 12 सवाल पूछे हैं। उन्होंने लंबे समय से चिदंबरम को समन नहीं किया है। इससे साफ़ है कि उनके पास पूछने को बहुत ज़्यादा नही है। 

चिदंबरम के वकील ने तर्क दिया कि कस्टडी सामान्य प्रक्रिया नहीं है, बहुत ज़रूरत पड़ने पर ही इसकी माँग की जा सकती है। इस मामले में भी कस्टडी की ज़ररूत नही है।

मशहूर वकील अभिषेक मनु सिंघवी पी चिदंबरम की ओर से तर्क रखे। उन्होंने कहा कि सीबीआई के तर्क दूसरे अभियुक्तों की कही बातों के आधार पर है। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई के पास कोई चार्जशीट नहीं है, सिर्फ़ केस डायरी है। सिंघवी ने तर्क दिया कि सीबीआई ने साल भर से चिदंबरम को बुलाया नहीं है, अब सीधे हिरासत की माँग कर रही है।