मोदी कैबिनेट की अहम बैठक में कृषि क़ानूनों को रद्द किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी दी। संसद में अभी इन कृषि क़ानूनों को रद्द किए जाने की संवैधानिक प्रक्रिया बाक़ी है। किसानों ने भी कहा है कि वे संसद में इन क़ानूनों के रद्द होने पर ही सरकार की बात पर भरोसा करेंगे। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होने जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलान किया था कि सरकार संसद के इस सत्र में इन कृषि क़ानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया को पूरा कर देगी।
संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें हिस्सा लेंगे। यह बैठक 28 नवंबर को होगी। इसमें कृषि क़ानूनों की वापसी और एमएसपी को लेकर गारंटी क़ानून बनाए जाने पर बातचीत हो सकती है।
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और राज्यसभा के चेयरमैन एम. वेंकैया नायडू भी सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स से मिलेंगे जिससे सत्र के दौरान किसी तरह का शोर-शराबा न हो और कामकाज आराम से चले।
बीते संसद सत्र के दौरान कृषि क़ानूनों व पेगासस जासूसी मामले को लेकर खासा हंगामा हुआ था और सदन का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इसलिए सरकार की कोशिश है कि इस बार वैसे हालात न बनें। उस दौरान सदन में हुए लगातार शोर-शराबे और हंगामे को लेकर ओम बिड़ला बेहद नाराज़ हुए थे।
क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाएगी सरकार
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार कई बैठकें कर चुकी है और अब वह संसद के शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा बिल लाने जा रही है।
इस बिल का नाम Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 है।
सरकार की चिंता इस बात को लेकर है कि ऐसे निवेशक जिन्होंने इसमें पैसा लगाया हुआ है, उनका पैसा डूब सकता है। बीते कुछ दिनों से अख़बारों में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आ रहे तमाम विज्ञापनों के बाद बड़ी संख्या में लोग क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जानकारी ले रहे हैं और इसमें निवेश भी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में कई मंत्रालयों के और आरबीआई के अफ़सरों के साथ बैठक की थी। बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जो चुनौतियां हैं, उस पर अफ़सरों के साथ बैठक कर लंबी बातचीत की थी। इस बैठक में यह आम सहमति बनी थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन इसे नियमित ज़रूर किया जा सकता है।