3 लोकसभा और 30 विधानसभा सीटों के लिए डाले गए वोट, 2 नवंबर को आएंगे नतीजे 

08:50 am Nov 02, 2021 | सत्य ब्यूरो

शनिवार को 13 राज्यों की तीन लोकसभा और 30 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हुआ। सभी मतदान केंद्रों के बाहर सुरक्षा के पुख़्ता इंतजाम रहे और कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन कराया गया। चुनाव के नतीजे 2 नवंबर को आएंगे। 

किसान आंदोलन के साथ ही पेगासस जासूसी मामले, महंगे पेट्रोल-डीजल, कमरतोड़ महंगाई जैसे बड़े मुद्दों को लेकर घिरी मोदी सरकार के लिए उपचुनाव के नतीजे अहम होंगे क्योंकि इनका कुछ असर विधानसभा चुनाव पर भी हो सकता है। 

जिन तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हुआ, वे हैं- दादरा और नगर हवेली, हिमाचल प्रदेश की मंडी और मध्य प्रदेश की खंडवा सीट। असम की 5, पश्चिम बंगाल की 4, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मेघायल में 3-3, बिहार, कर्नाटक और राजस्थान में 2-2 और आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिज़ोरम, नगालैंड और तेलंगाना में 1-1 सीट पर भी मतदान हुआ है। 

पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच सीधी टक्कर है। यहां पर दिन्हाटा, शांतिपुर, खरदाह और गोसाबा सीटों पर लोगों ने वोट डाले। 

असम में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुक़ाबला है और यहां पर गोसियागांव, भवानीपुर, तामुलपुर, मरियानी और थोवरा सीटों पर वोट डाले गए। असम में कांग्रेस ने बीते दिनों अपने सहयोगी दल एआईयूडीएफ़ के साथ गठबंधन तोड़ दिया था। 

मेघायल में मावरिंगकेनेंग, मावफलांग और राजाबाला सीट पर जबकि बिहार में कुशेश्वर आस्थान और तारापुर सीट पर वोटिंग हुई। मेघायल में नेशनल पीपल्स पार्टी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है और बिहार में एनडीए और आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। यहां आरजेडी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। कर्नाटक में सिंदगी और हनागल सीटों के लिए वोट डाले गए।   

हिमाचल प्रदेश में मंडी लोकसभा सीट के साथ ही फतेहपुर, जुब्बल-कोटखाई और अर्की सीट पर लोगों ने मतदान किया। 

राजस्थान में धरियावाड़ और वल्लभनगर सीट पर जबकि तेलंगाना में हुज़ूराबाद सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई। राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जबकि तेलंगाना में टीआरएस और बीजेपी के बीच सीधा मुक़ाबला माना जा रहा है। 

महाराष्ट्र, हरियाणा और नगालैंड और मिज़ोरम में भी 1-1 सीट पर वोट डाले गए। 

इन सभी राज्यों के चुनाव नतीजे वहां की सरकार के प्रति जनता के मूड को भी दिखाएंगे। इसलिए हुक़ूमत में बैठी सियासी जमातों ने जीत के लिए पूरा जोर लगा दिया और जमकर चुनाव प्रचार किया।