भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने बुधवार को विरोध करने वाले पहलवानों के आरोपों का जवाब दिया और कहा कि अगर उनके खिलाफ आरोप साबित होते हैं तो वह खुद को "फांसी" लगा लेंगे। इस बीच महिला पहलवानों के साथ किसान संगठन खड़े हो गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने कल गुरुवार 1 जून को देशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है। भारतीय किसान यूनियन ने कल ही पश्चिमी यूपी के खाप मुख्यालय सौरम गांव में पंचायत बुलाई है। जिसमें खासतौर पर बालियान खाप पंचायत के चौधरी शामिल होंगे।
पीटीआई के मुताबिक भाजपा सांसद ने यूपी के बाराबंकी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "अगर मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित होता है, तो मैं खुद को फांसी लगा लूंगा।" सिंह ने अपने विरोध के निशान के रूप में अपने पदकों को गंगा में विसर्जित करने की घोषणा करने के लिए पहलवानों पर कटाक्ष किया। यह जनसभा 5 जून को अयोध्या में भाजपा सांसद के समर्थन में होने वाली रैली के लिए आयोजित की गई थी। अयोध्या में 5 जून को कुछ साधुओं के संगठन सांसद के समर्थन में रैली कर रहे हैं।
भाजपा सांसद ने कहा- "चार महीने हो गए हैं और वे चाहते हैं कि मुझे फांसी दी जाए। सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही है, इसलिए वे मंगलवार को हरिद्वार में एकत्र हुए और अपने पदक गंगा में विसर्जित करने की धमकी दी। इससे वह सजा नहीं मिलेगी जो वे मेरे लिए चाहते हैं, यह यह सब इमोशनल ड्रामा है।"
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, 'अगर आपके (पहलवानों) पास कोई सबूत है तो उसे अदालत में पेश कीजिए और मैं कोई भी सजा स्वीकार करने को तैयार हूं। दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है। अगर आरोपों (पहलवानों द्वारा लगाए गए) में कोई सच्चाई है तो मुझे गिरफ्तार किया जाएगा।"
यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद की गिरफ्तारी की मांग कर रहे ओलंपियन बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट मंगलवार को गंगा में अपने पदक विसर्जित करने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे।पहलवानों ने बाद में अधिकारियों को भाजपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पांच दिन का अल्टीमेटम जारी किया।
इससे पहले, पहलवानों ने हाल के दिनों में सामने आई घटनाओं और पुलिस अधिकारियों द्वारा स्थिति को संभालने के तरीके के बारे में एक पोस्ट साझा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया था। पहलवानों ने अपने पोस्ट में कहा था- "28 मई को जो कुछ भी हुआ, आपने देखा कि पुलिस ने हमारे साथ कैसा व्यवहार किया और जिस तरह से उन्होंने हमें गिरफ्तार किया। हम शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे, हमारी जगह छीन ली गई और अगले दिन गंभीर मामले और एफआईआर दर्ज की गई। हमारे खिलाफ। पहलवानों ने पूछा कि अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांग कर कोई अपराध किया है? पुलिस और व्यवस्था हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि अत्याचारी खुलकर ठहाके लगा रहा है। वह खुले तौर पर पॉक्सो को बदलने की बात भी कर रहा है।
पहलवानों ने कहा था- "कल हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपी हुई थीं। सिस्टम को अत्याचारी को गिरफ्तार करना चाहिए, लेकिन यह पीड़ित महिलाओं को अपना विरोध खत्म करने के लिए तोड़ने और डराने में लगा हुआ है।"