ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर की आखिरी विदाई अलग रही। अलग इसलिए कि उनके चाहने वाले मुस्कुराते हुए विदाई देने की बात कह रहे थे। दिल में भले ही दुखों का पहाड़ टूटा हो, लेकिन उनकी पत्नी गीतिका लिड्डर ने आखिरी सलाम देते हुए कहा, 'हमें उन्हें एक अच्छी विदाई देनी चाहिए... एक मुस्कान के साथ विदाई'। गीतिका जब यह बोल रही थीं तब उनके साथ उनकी 16 वर्षीय बेटी आशना भी थीं। उनका दुख उस वक़्त भी कितना बड़ा होगा, इसकी कल्पना करना भी शायद बेहद मुश्किल हो!
ब्रिगेडियर लिड्डर की आखिरी विदाई के जो दृश्य थे वे काफ़ी भावुक कर देने वाले थे। शोकाकुल माहौल के बीच गीतिका लिड्डर अपने पति के ताबूत पर सिर रखे आँसुओं में डूबी हुई दिखीं। आशना अपनी माँ के साथ थीं, डबडबाई आँखों से उन्होंने मुट्ठी भर गुलाब की पंखुड़ियाँ अपने पिता के ताबूत पर अर्पित कीं।
एएनआई से बातचीत में गीतिका बोलीं, 'वह बेहद खास थे... हर कोई जानता है। आप देख सकते हैं कि कितने लोग अलविदा कहने आए। उनका एक अद्भुत व्यक्तित्व था... सभी प्यार करते थे।' यह कहते हुए उनकी आवाज़ लड़खड़ाने लगी।
फिर उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा, 'मैं एक सैनिक की पत्नी हूँ...।' उन्होंने कहा, 'गर्व से ज़्यादा दुख है... जीवन बहुत लंबा है लेकिन... जो भी हो। अगर भगवान यही चाहते हैं, तो हम इस नुक़सान के साथ जीएंगे।'
आशना लिड्डर अपनी माँ के साथ आज दिल्ली छावनी के श्मशान में थीं। 17 साल की एक बच्ची अपनी माँ को लगातार सांत्वना देने की कोशिश कर रही थी।
आशना ने कहा,
“
मैं 17 साल की होने जा रही हूँ। इसलिए वह 17 साल तक मेरे साथ रहे। हम सुखद यादों के साथ आगे बढ़ेंगे। यह एक राष्ट्रीय क्षति है। मेरे पिता एक नायक थे, मेरे सबसे अच्छे दोस्त। शायद यह किस्मत में थी और बेहतर चीजें होंगी। वह मेरे सबसे बड़े प्रेरक थे।
आशना, ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर की बेटी
52 वर्षीय ब्रिगेडियर लिड्डर उन 13 लोगों में से एक थे, जिनकी बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। दुर्घटना में चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और नौ अन्य वायु सेना के कर्मियों की भी मृत्यु हो गई। ब्रिगेडियर लिड्डर की जड़ें हरियाणा के पंचकूला से जुड़ी थीं। वे एक वर्ष से अधिक समय से जनरल रावत के स्टाफ़ में डिफेंस असिस्टेंट के तौर पर थे। उनके नाम को मेजर जनरल के तौर पर प्रमोशन के लिए मंजूरी मिल चुकी थी।
हेलीकॉप्टर दुर्घटना में केवल एक ही जीवित बचे हैं - ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह। उनका बेंगलुरु में वायु सेना के कमांड अस्पताल में इलाज चल रहा है। सरकार ने दुर्घटना की त्रि-सेवा जांच का आदेश दिया है।
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर को श्रद्धांजलि देने वालों में शामिल थे। सेना, नौसना और वायुसेना प्रमुख सहित कई सैन्य अधिकारियों ने भी ब्रिगेडियर लिड्डर को श्रद्धासुमन अर्पित किए।