मोटीवेशनल स्पीकर विवेक बिन्द्रा का किस्सा और पूर्व आईपीएस गुप्तश्वेर पांडे का किस्सा हम आपको बताएंगे। लेकिन बारी-बारी से। पहले विवेक बिन्द्रा का किस्सा जानते हैं। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर विवेक बिंद्रा पर अपनी पत्नी के खिलाफ घरेलू हिंसा का आरोप है। पुलिस ने बताया कि उनके खिलाफ उनके जीजा ने नोएडा के सेक्टर 126 में मामला दर्ज कराया है। पुलिस के अनुसार, बिंद्रा की पत्नी यानिका के भाई वैभव क्वात्रा ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिन्होंने दावा किया था कि यह घटना नोएडा के सेक्टर 94 में सुपरनोवा वेस्ट रेजीडेंसी में हुई थी, जहां दंपति रहते हैं। विवेक बिन्द्रा ने पिछले दिनों ब्राह्मणवाद की वकालत करते हुए एक इंटरव्यू में कहा था कि शूद्र को कभी नेता नहीं बनाना चाहिए, नहीं तो अनर्थ हो जाएगा।
7 दिसंबर की सुबह बिंद्रा और उनकी मां प्रभा के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। पुलिस ने कहा कि पारिवारिक विवाद के रूप में शुरू हुए मामले ने तब चिंताजनक मोड़ ले लिया जब यानिका बीच-बचाव करने के लिए आगे आई और बिंद्रा ने उस पर शारीरिक हमला किया। कथित तौर पर हमले से यानिका के शरीर पर गहरे घाव हो गए हैं, जैसा कि एक वीडियो में कैद हुआ है जो तब से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
एफआईआर में उल्लिखित विवरण के अनुसार, बिंद्रा और यानिका की शादी 6 दिसंबर को हुई थी। हालांकि, शादी के कुछ घंटों बाद, बिंद्रा कथित तौर पर यानिका को एक कमरे के अंदर ले गए, उसे गालियां दीं, उसके बाल खींचे और उसके साथ मारपीट की। शिकायत में दावा किया गया है कि मारपीट के कारण यानिका ठीक से सुन नहीं पा रही है। बिंद्रा ने कथित तौर पर उनका फोन भी तोड़ दिया।
एनडीटीवी के मुताबिक एक अन्य हाई-प्रोफाइल भारतीय प्रेरक वक्ता और यूट्यूबर संदीप माहेश्वरी के अनुसार, बड़ा बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड (बीबीपीएल) के सीईओ बिंद्रा, जिन्हें यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर लाखों लोग फॉलो करते हैं, भी एक कथित घोटाले के केंद्र में हैं। माहेश्वरी ने अपने यूट्यूब चैनल पर "बिग स्कैम एक्सपोज़" शीर्षक से एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने उन छात्रों के प्रशंसापत्र प्रस्तुत किए जिन्होंने बिंद्रा की कंपनी द्वारा धोखा दिए जाने का दावा किया था। हालांकि बिंद्रा ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
इससे पहले भी विवेक बिन्द्रा ने लल्लनटॉप को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि शूद्र को कभी नेता नहीं बनाना चाहिए। इससे अनर्थ हो सकता है। लल्लनटॉप पर उनके इंटरव्यू को सुना जा सकता है। डेढ़ घंटे के इस इंटरव्यू में 30वें मिनट पर वो ब्राह्मणवाद पर प्रवचन करते सुने जा सकते हैं और शूद्र वाली बात कह रहे हैं। उनकी बातें आपत्तिजनक हैं। कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने उस इंटरव्यू का छोटा सा हिस्सा ट्वीट किया है, जिसे आप यहां सीधे सुन सकते हैं-
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे अपने कार्यकाल में तमाम बयानों और एक्शन के लिए विवादों में रहे हैं। लेकिन रिटायर होने के बाद वो संत बन गए हैं। इस संत के रूप में उनका एक वीडियो वायरल है। वे लोगों को ब्राह्मण के गुस्से से बचने की सलाह दे रहे हैं, बल्कि वो लोगों को डरा रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनका वीडियो वायरल है, जहां लोग उनकी बातों को बेहूदा करार दे रहे हैं। जल्दी से उनका वीडियो देखिए, क्योंकि एक्स (ट्विटर) इसे हटा सकता है। लोग शिकायत कर रहे हैं। पहले उनका वीडियो देखिए, फिर लोगों की प्रतिक्रिया देखिए-
भाई साहब नामक यूजर ने लिखा है- इसने जिस जिस केस पर काम किया था पुलिस में रहते हुए उन सब की वापस जांच होनी चाहिए ऐसे माइंडसेट वाले आदमी को लोग सुनने कैसे आ जाते है
क्रांति कुमार ने लिखा है- पुलिस अफसर रहते हुए इस आदमी ने कितना जातिवाद और पक्षपात किया होगा।
जाने-माने पत्रकार रवीश कुमार ने भी इस पर ट्वीट किया है। वो लिखते हैं- भयानक है। इस आदमी ने वर्दी पहनकर भी सामंती जीवन जीया होगा। प्रवचन कथा के नाम पर सड़ी गली सोच का प्रचार हो रहा है। इन्हें पता है कि संत की आड़ में और धर्म के नाम पर कोई बोलेगा नहीं तो कुछ भी बोलते जाओ। पूर्व अफ़सरों को रिटायरमेंट के बाद किताब लिखने से पहले सरकार की इजाज़त लेनी पड़ती है मगर बकवास और संविधान विरोधी बातें फैलाने के लिए धर्म का चोला काफ़ी है। नफ़रत फैलाओ। जातिवाद करो। बाबा बन जाओ।
वीनू कुमार ने लिखा है- हिंदू धर्म में सुधार जरूरी है। क्यों की एक जाति ने धर्म की मूलभूत और मौलिक शिक्षा को बदल कर एक जाति अनुरूप और उस जाति को फायदा पोचाना वाला बना दिया है। उस जाति के बारे में सब जानते है वो कोन है
इस ट्विटर यूजर ने गंभीर आरोप लगा दिया है-
ट्विटर यूजर रामानुज भारद्वाज इस संत से काफी नाराज हैं। उन्होंने लिखा है- अगर अब भी चाहते हो की आपका सम्मान बचा रहे तो अब तो मत दोहरावो की ब्राह्मण कितना भी दुष्ट हो अधम हो पूजनीय है करके,100साल पहले बोल कर चला लेते थे, आपकी दुष्टता, नीचता को लोग माफ कर देते थे महराज है करके अब आप सम्मान दोगे तो सम्मान पाओगे नहीं तो कैसे को तैसा
बिहार के इस पूर्व डीजीपी का यह प्रवचन काफी रीट्वीट किए जाने से लोगों की प्रतिक्रिया का तांता लगा हुआ है। लोग उनके डीजीपी कार्यकाल के दौर को याद कर रहे हैं। कुछ लोगों ने जांच की मांग की है।
विवेक बिन्द्रा हों या या गुप्तेश्वर पांडे हों, पढ़ाई-लिखाई के बावजूद इन लोगों की सोच नहीं बदली है। इन लोगों की दलितों को लेकर यह सोच आपत्तिजनक है। सभ्य समाज में कोई इसे स्वीकार नहीं करेगा। मात्र वर्ण के आधार पर कोई बड़ा या छोटा नहीं हो सकता।