किसान आंदोलन में एके-47 लेकर बैठे हैं आतंकवादी: बीजेपी सांसद

01:57 pm Jan 20, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

जब से किसान दिल्ली के बॉर्डर्स पर आकर बैठे हैं, बीजेपी नेताओं ने उन्हें खालिस्तानी, वामपंथी बताने से लेकर इस आंदोलन में चीन-पाकिस्तान का हाथ होने और विदेशी फंडिंग के कई आरोप लगा दिए हैं। ताज़ा बयान आया है राजस्थान की बीजेपी सांसद जसकौर मीणा का। 

मीणा का कहना है, ‘किसान आंदोलन में आतंकवादी बैठे हुए हैं, उन्होंने एके-47 ली हुई है, खालिस्तान का झंडा लगाया हुआ है, इस देश में ऐसी कितनी रूकावटें हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए इन्हें दूर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ग्राम विकास के लिए जन-जन के विकास के लिए काम कर रहे हैं।’ 

सुरक्षित दौसा सीट से सांसद मीणा ने यह भी कहा कि मोदी युग पुरूष हैं और इस देश को जगत गुरू बनाने की ओर ले जा रहे हैं। 

केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट में कह चुकी है कि किसानों के प्रदर्शन में खालिस्तानियों की घुसपैठ हो चुकी है।

बीजेपी में ऐसे नेताओं की लंबी कतार है, जो किसान आंदोलन को खालिस्तानियों और वामपंथियों का आंदोलन बता चुके हैं या इसमें घुसपैठ होने की बात कह चुके हैं। इनमें वरिष्ठ मंत्री रविशंकर प्रसाद से लेकर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम और अरुण सिंह का नाम शामिल है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री राव साहब दानवे, हरियाणा सरकार के मंत्री जेपी दलाल इसमें चीन-पाकिस्तान का हाथ बता चुके हैं। 

राजनाथ सिंह नाराज़

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बीजेपी नेताओं के बयानों को लेकर नाराज़गी जाहिर कर चुके हैं। राजनाथ सिंह ने पिछले महीने एएनआई को दिए इंटरव्यू में किसानों को अन्नदाता कहते हुए अर्थव्यवस्था में उनका अहम योगदान बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत की संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा में सिखों का बड़ा योगदान रहा है। राजनाथ सिंह ने आज तक से ‘सीधी बात’ में कहा था कि वे किसी भी किसान को खालिस्तानी मानने के लिए तैयार नहीं हैं। 

‘बात मान लें तो देशभक्त, न मानें तो आतंकवादी’

कृषि क़ानूनों के पुरजोर विरोध के कारण एनडीए से नाता तोड़ने वाली शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस तरह के बयानों को लेकर मोदी सरकार को घेरा था और कहा था कि अगर ऐसा है तो फिर सरकार उन्हें बातचीत के लिए क्यों बुला रही है। 

बादल ने कहा था, ‘अगर सरकार की बात मान लें तो देशभक्त और न मानें तो आतंकवादी, इससे ख़राब बात और क्या हो सकती है।’ उन्होंने कहा था कि हमारे लिए देश सबसे पहले है और किसान देश के लिए ही लड़ाई लड़ रहे हैं।

अमरिंदर भी नाराज़

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले महीने एएनआई से बातचीत में किसानों को आतंकवादी बताने वालों को आड़े हाथ लिया था। उन्होंने कहा था कि आंदोलन में बैठे लोग बेहद साधारण हैं और वे अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए इस आंदोलन को लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि अब वक़्त आ गया है कि प्रधानमंत्री इस मामले को गंभीरता से लें और इन क़ानूनों को ख़त्म करें वरना उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट का रूख़ करेगी।

ऐसे में बीजेपी और केंद्र सरकार पहले यह तय कर ले कि किसानों के बारे में उसकी क्या राय है। एक ओर उसके नेता किसानों के बारे में अनाप-शनाप और वाहियात बातें कह रहे हैं दूसरी ओर वह ख़ुद को किसानों का सम्मान करने और उनकी बेहतरी के लिए काम करने वाला बताते नहीं थकती। लेकिन इस तरह के बयान देने वाले बीजेपी नेताओं की सोशल मीडिया पर जमकर धुलाई हो चुकी है।