लोन आवेदन नामंजूर करने पर बीजेपी विधायक ने बैंक पर ताला जड़ा

07:13 pm Apr 25, 2022 | सत्य ब्यूरो

लोनी के बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने गाजियाबाद में सोमवार को एचडीएफसी बैंक पर ताला जड़ दिया। विधायक का आरोप है कि प्रधानमंत्री योजना के तहत बैंक ने लोन मंजूर करने से मना कर दिया था। इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया। अक्सर अपने बयानों के लिए विवाद में रहने वाले विधायक गुर्जर सुर्खियां बटोरते रहते हैं।

गाजियाबाद की ट्रॉनिका सिटी की एचडीएफसी बैंक की ब्रांच में बीजेपी विधायक बाद दोपहर 3 बजे पहुंचे और ताला लगा दिया। उनका आरोप है कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 191 लोगों ने आवेदन किया था। लेकिन बैंक ने 190 आवेदन नामंजूर कर दिए और सिर्फ एक लोन मंजूर किया। पीएम स्वनिधि योजना के तहत 10 हजार तक लोन दिया जाता है। इस लोन के जरिए दुकानदार अपना छोटा-मोटा कारोबार कर सकते हैं। 

विधायक नंद किशोर गुर्जर ने खुद ही बताया कि वो बैंक में पहुंचे और वहां मैनेजर से पूछा कि अब तक कितने लोगों को स्वनिधि योजना का लोन दिया है तो मैनेजर ने कहा कि एक व्यक्ति को लोन दिया गया है। बाकी लोग शर्तें पूरी नहीं करते थे, इसलिए उनके आवेदन रद्द कर दिए गए। बैंक कर्मियों ने बताया कि इस पर बीजेपी विधायक नाराज हो गए। उन्होंने सारे स्टाफ को बैंक से बाहर निकलने को कहा। स्टाफ को बाहर निकालने के बाद विधायक ने बैंक पर ताला लगा दिया। कुछ देर बैंक का ताला हालांकि खुल गया। लेकिन बीजेपी विधायक ने सरेआम कानून हाथ में लिया। 

पुलिस को इस घटना की जानकारी मिल चुकी है, लेकिन उसने कानून हाथ में लेने वाले विधायक पर कोई कार्रवाई नहीं की है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि जब हमारे पास शिकायत आएगी, तब पुलिस जांच करेगी और सारे मामले को देखेगी। पिछले दिनों लोनी विधायक उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने क्षेत्र में मीट की दुकानों को बंद करने का आदेश खुद दिया था। इसके अलावा उनकी कई धमकियां अखबारों में सुर्खियां बन चुकी हैं। 

क्या है पीएम स्वनिधि योजना

योजना की शुरुआत जून 2020 में लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत शहरी विकास मंत्रालय ने रेहड़ी और पटरी वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) को आर्थिक मदद देने की योजना की घोषणा की थी। इसे प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि भी कहा जाता है। अलग-अलग शहरों में अलग-अलग एजेंसियां इस लोन को मंजूर करती हैं और बैंकों द्वारा उसका वितरण होता है। इसमें सरकारी और प्राइवेट बैंकों का बाकायदा कोटा बंधा हुआ है।