हेट स्पीच देने वाले नेताओं के खिलाफ कब कार्रवाई करेगी बीजेपी?

02:03 pm Oct 22, 2022 | सत्य ब्यूरो

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर हेट स्पीच पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। हेट स्पीच को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि राज्य ऐसे मामलों में खुद कार्रवाई करें वरना अवमानना के आरोपों का सामना करने के लिए तैयार रहें। 

अदालत की इस टिप्पणी के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी हेट स्पीच देने वाले अपने नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी। यहां पर बीजेपी नेताओं और कथित धर्म गुरुओं की ओर से पिछले कुछ सालों में दी गई हेट स्पीच का जिक्र करना जरूरी होगा। 

जनवरी, 2020

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ साल 2019 के आखिर में और 2020 की शुरुआत में देश के कई शहरों में जोरदार प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान दिल्ली विधानसभा के चुनाव भी हो रहे थे। तभी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की जनसभा में देश के गद्दारों को… वाला नारा लगा था और इसकी जमकर आलोचना हुई थी। इसके अलावा सांसद प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। प्रवेश वर्मा ने कहा था कि ये लोग आपके घरों में घुसेंगे, बहन-बेटियों से रेप करेंगे। 

फरवरी, 2020 

फरवरी, 2020 में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ दिल्ली के जाफराबाद में प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का वीडियो सामने आया था। कपिल मिश्रा ने पुलिस से कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के जाने के बाद हम आपकी भी नहीं सुनेंगे। ट्रंप जिस दिन भारत आए थे, उसी दिन हिंसा भड़क गई थी। 

अगस्त, 2021

दिल्ली बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने 'औपनिवेशिक युग के क़ानूनों के ख़िलाफ़' एक रैली आयोजित की थी। इसमें समान नागरिक संहिता का समर्थन किया गया। लेकिन इस रैली में मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़काऊ नारे लगाए गए। मामले में बवाल मचने के बाद आयोजकों ने ख़ुद को इससे अलग कर लिया था। 

दिसंबर, 2021

हरिद्वार में 17 से 19 दिसम्बर तक आयोजित की गई धर्म संसद में मुसलमानों के नरसंहार की धमकी दी गई थी। इस मामले में उत्तराखंड पुलिस ने यति नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी (जो धर्मांतरण से पहले वज़ीम रिज़वी थे) को गिरफ्तार किया था। ये दोनों ही नेता जमानत पर बाहर हैं। लेकिन यति नरसिंहानंद लगातार भड़काऊ बयानबाजी करता रहता है। हरिद्वार की धर्म संसद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है।

मई, 2022

तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष बंडी संजय कुमार ने मुसलमानों के खिलाफ नफरती बयानबाजी करते हुए कहा था कि जब पूरी तरह राम राज्य आ जाएगा तो उर्दू भाषा को बैन कर दिया जाएगा। उन्होंने देश में हुए बम धमाकों के लिए मदरसों को जिम्मेदार ठहराया था।

मई, 2022

इस साल मई में नुपुर शर्मा के साथ ही दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रमुख रहे नवीन जिंदल ने मुसलिम समुदाय को लेकर आपत्तिजनक बयानबाजी की थी। इसके बाद मुसलिम समुदाय ने जोरदार प्रदर्शन किए थे और बीजेपी को नुपूर और नवीन को पार्टी से बाहर निकालना पड़ा था। लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। 

जून, 2022

तेलंगाना के विवादित बीजेपी विधायक राजा सिंह के बयान के खिलाफ हैदराबाद में धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस दर्ज किया गया था। राजा सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसे लेकर मुसलिम समुदाय ने राजा सिंह की गिरफ्तारी की मांग की थी। राजा सिंह को गिरफ्तार किया गया था। बीजेपी ने उन्हें निलंबित कर दिया था लेकिन पार्टी से बाहर का रास्ता नहीं दिखाया। 

जुलाई, 2022

इस साल जुलाई में गुड़गांव के मानेसर में हुई विश्व हिंदू परिषद की महापंचायत में मुसलिम दुकानदारों के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया गया। 

अक्टूबर, 2022

इस महीने दिल्ली में विराट हिंदू सभा की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में दिल्ली में बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा और गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने नफरती बयानबाजी की थी। प्रवेश वर्मा ने एक समुदाय के लोगों का पूरी तरह बहिष्कार करने की अपील लोगों से की थी जबकि नंदकिशोर गुर्जर ने भी समुदाय विशेष के लोगों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए थे।

अक्टूबर, 2022

इस महीने की शुरुआत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीजेपी नेता संगीत सोम ने विवादित बयान दिया था। संगीत सोम ने कहा था, "जिस तरह एक वर्ग की आबादी बढ़ती जा रही है, जिस तरह से आतंक फैलता जा रहा है, ऐसे में राजपूत समाज को फिर से शस्त्र उठाने पड़ेंगे।" संगीत सोम साल 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के अभियुक्त भी हैं। 

ज़ुबैर की हुई थी गिरफ्तारी 

इस साल जून में दिल्ली पुलिस ने 'ऑल्ट न्यूज़' के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को गिरफ्तार कर लिया था। ज़ुबैर की गिरफ्तारी 1983 की फ़िल्म के दृश्य को 2018 में ट्वीट करने पर हुई थी। किसी गुमनाम ट्विटर हैंडल ने ज़ुबैर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने ज़ुबैर को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन नूपुर शर्मा, नवीन जिंदल या किसी और नेता को गिरफ्तार नहीं किया। मोहम्मद ज़ुबैर को 24 दिन तक जेल में रहना पड़ा था। 

देखना होगा कि हेट स्पीच के मामले में सुप्रीम कोर्ट की लगातार आ रही सख्त टिप्पणियों के बाद क्या बीजेपी अपने किसी नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई करती है।