भोले बाबा का पेपर लीक सरगना से संबंध, राजस्थान में बनता था मेहमान

02:18 pm Jul 05, 2024 | सत्य ब्यूरो

सूरज पाल जाटव, जिसे नारायण साकार विश्व हरि या 'भोले बाबा' के नाम से भी जाना जाता है,राजस्थान के कुख्यात पेपर लीक आरोपी को जानता था। यह खुलासा राजस्थान पुलिस ने किया है। राजस्थान पुलिस के मुताबिक, भोले बाबा जब भी राजस्थान आता था तो दौसा में हर्षवर्धन मीणा के यहां रुकता था। एडीजीपी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) वी के सिंह ने कहा कि मीणा राजस्थान 2020 जूनियर इंजीनियर परीक्षा (जेईएन) भर्ती परीक्षा पेपर लीक का मुख्य आरोपी है।

एडीजीपी ने कहा कि “जनवरी में हमने पेपर लीक मामले में दौसा में मीणा के घर पर छापा मारा था। लेकिन हमारे पहुंचने से पहले ही वहां रह रहा बाबा भाग गया। भोले बाबा पेपर लीक मामले से जुड़ा नहीं है।”

मीणा ने कथित तौर पर पिछले 15 वर्षों में विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक करके विभिन्न सरकारी विभागों में 500 से अधिक युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों की व्यवस्था की थी। लाभान्वित होने वाले कम से कम 20 लोग उनके परिवार से हैं। पुलिस ने जयपुर, दौसा और महवा में मीणा की जमीनों के दस्तावेज जब्त किए तो 5 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति का पता चला।

मंगलवार को यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई थी। सत्संग में आए लोगों में भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए भगदड़ मच गई थी। मौके पर पुलिस का पर्याप्त इंतजाम नहीं था। लोग एक दूसरे को रौंद रहे थे। इस हादसे में अभी तक 121 लोगों के मरने की सूचना मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौके पर जाकर घोषणा की है कि इसकी न्यायिक जांच कराई जाएगी।


पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, धार्मिक समागम में 2.50 लाख से अधिक लोग शामिल हुए, जबकि प्रशासन ने इस आयोजन के लिए 80,000 लोगों को अनुमति दी थी। एफआईआर में आगे आरोप लगाया गया है कि सत्संग आयोजकों ने साक्ष्य छिपाकर और आस-पास के खेतों में उनके अनुयायियों की चप्पलें और अन्य सामान फेंककर कार्यक्रम में लोगों की वास्तविक संख्या को छिपाने की कोशिश की। भगदड़ तब मची जब अनुयायी भोले बाबा की एक झलक पाने के लिए दौड़े और एक-दूसरे से टकरा गए। 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस में हुई भगदड़ के सिलसिले में गुरुवार को सत्संग के छह आयोजकों को गिरफ्तार किया है। मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने की बात कही गई। पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और जांच जारी है, लेकिन मामले में नारायण साकार विश्व हरि या 'भोले बाबा' का नाम नहीं लिया गया है।

इस बीच एफआईआर में मुख्य आरोपी के तौर पर 'मुख्य सेवादार' देव प्रकाश मधुकर की पहचान की गई है। पुलिस ने मधुकर की गिरफ़्तारी में मदद करने वाली सूचना देने वाले को 1 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। पुलिस मधुकर की गिरफ़्तारी के लिए कोर्ट से गैर-ज़मानती वारंट पाने का प्रयास कर रही है। कहा गया कि ज़रूरत पड़ने पर अधिकारी 'भोले बाबा' से भी पूछताछ कर सकते हैं। उनका नाम एफआईआर में नहीं है लेकिन उनकी जांच चल रही है। पुलिस नारायण साकार हरि की पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी जुटा रही है और उन शहरों में टीमें भेजी गई हैं जहाँ उनका संभावित आपराधिक रिकॉर्ड है।

नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को इस घटना के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। राहुल गांधी ने कहा कि वो इस मामले को राजनीतिक नहीं बनाना चाहते हैं लेकिन जवाबदेही तय होना चाहिए कि इसका जिम्मेदार कौन है। राहुल ने कहा कि पीड़ित परिवार बेहद गरीब हैं, इसलिए यूपी सरकार को ज्यादा से ज्यादा मुआवजा देना चाहिए।