भारत में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मामले मिलने के बाद चिंता बढ़ गई है। हालांकि केंद्र सरकार ने कहा है कि घबराने की ज़रूरत नहीं हैं। संक्रमित लोगों में से एक शख़्स बेंगलुरू में डॉक्टर है और उसके संपर्क में आए 5 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
कर्नाटक की सरकार ने कहा है कि इन सभी लोगों को आइसोलेट कर दिया गया है और उनके सैंपल्स को जीनोम सीक्वेन्सिंग के लिए भेजा गया है।
बीते कुछ ही दिनों में यह वायरस दक्षिण अफ्रीका से शुरू होकर कई देशों में पहुंच गया है और दुनिया के कई देशों ने इस वैरिएंट से प्रभावित देशों से आने वाली उड़ानों को रोक दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि कर्नाटक में 2 लोग इस वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं। इन लोगों की उम्र 66 व 46 साल है। 46 साल की उम्र वाले शख़्स पेशे हैं डॉक्टर हैं और उन्हें कोरोना की दोनों डोज लग चुकी थीं। वह भारत से बाहर भी नहीं गए हैं। 21 नवंबर को उन्हें बुखार आया था और बदन में दर्द हुआ था।
उसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनके सैंपल को जीनोम सीक्वेन्सिंग के लिए भेजा गया था। तीन दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
कर्नाटक सरकार ने डॉक्टर के संपर्क में आने वालों का पता लगाया है और इनमें से 13 लोग ऐसे थे, जो इस डॉक्टर के सीधे संपर्क में आए थे जबकि 250 से ज़्यादा लोग ऐसे थे, जो किसी न किसी तरह इस शख़्स के या इसके संपर्क में आने वालों के संपर्क में आए थे।
ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित दूसरा शख़्स दक्षिण अफ्रीका का रहने वाला है और कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर भारत आया था। इस शख़्स को भी कोरोना की दोनों डोज़ लग चुकी थीं।
लेकिन भारत पहुंचने के बाद जब इसका टेस्ट किया गया तो वह पॉजिटिव निकला, उसे सेल्फ़ आइसोलेट होने के लिए कहा गया। एक हफ़्ते बाद जब उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई तो वह दुबई चला गया।
इस शख़्स के सीधे संपर्क में आए 24 लोगों और किसी न किसी तरह इस शख़्स के या इसके संपर्क में आने वालों के संपर्क में आए 240 लोगों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि अभी तक 29 देशों में 373 केस ओमिक्रॉन वैरिएंट के मिले हैं। उन्होंने कहा कि इस वैरिएंट के बारे में कहा जा रहा है कि यह पांच गुना अधिक संक्रमण फैलाने वाला हो सकता है। उन्होंने कहा, "विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न माना है और इसमें 45 से 52 म्यूटेशन होते हैं और इनमें से 26 से 32 स्पाइक प्रोटीन से संबंधित हैं। स्टडी से यह पता चला है कि यह बहुत तेज़ी से फैलता है।” उन्होंने कहा कि यूरोप के हालात पर भी हमारी नज़र बनी हुई है।
अग्रवाल ने कहा कि आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिये इसका पता लगाया जा सकता है और WHO ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने पर जोर दिया है। अग्रवाल ने कहा कि देश भर में तमाम राज्य सरकारें कोरोना टीकाकरण की रफ़्तार को बढ़ा रही हैं और इसके लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैं।