बांग्लादेश सरकार ने झारखंड में बांग्लादेशी नागरिकों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान को बहुत ज्यादा निंदनीय बताया है। उसने सोमवार को इस संबंध में भारत से अपना विरोध दर्ज कराया। बांग्लादेशी नागरिकों को घुसपैठिया बताकर भारत के नेता आये दिन बयान देते रहते हैं। लेकिन बांग्लादेश ने पहली बार इतना जोरदार विरोध किया है।
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पिछले हफ्ते अपने झारखंड दौरे के दौरान, अमित शाह ने कहा था कि अगर झारखंड में भाजपा सत्ता में आई तो बीजेपी "हर बांग्लादेशी घुसपैठिए को सबक सिखाने के लिए उल्टा लटका देगी।"
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ढाका में भारत के उपउच्चायुक्त को अपना "गंभीर आपत्ति, गहरा दुख और अत्यधिक नाराजगी" व्यक्त करते हुए विरोध पत्र सौंपा।
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, बांग्लादेश सरकार ने नई दिल्ली से अपने राजनीतिक नेताओं को ऐसे "आपत्तिजनक और अस्वीकार्य" बयान देने के प्रति सावधान करने का आग्रह किया।
बांग्लादेश के विरोध नोट में कहा गया है, "बांग्लादेश का विदेश मंत्रालय अपनी गंभीर आपत्ति, आहत होने की गहरी भावना और अत्यधिक नाराजगी व्यक्त करता है। भारत सरकार से राजनीतिक नेताओं को ऐसी आपत्तिजनक और अस्वीकार्य टिप्पणियां करने से बचने की सलाह देने को कहा जाता है।"
मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि पड़ोसी देश के नागरिकों के खिलाफ जिम्मेदार पदों से आने वाली ऐसी टिप्पणियां दो मित्र देशों के बीच आपसी सम्मान और समझ की भावना को कमजोर करती हैं।
अमित शाह क्या बोले थे
शाह ने पिछले शुक्रवार को झारखंड के बोकारों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर अपनी "वोट बैंक की राजनीति" के लिए अवैध घुसपैठ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। अमित शाह ने चेतावनी दी थी कि अगर इले नहीं रोका गया, तो अगले 25-30 वर्षों में ऐसे आप्रवासी राज्य में बहुसंख्यक बन जाएंगे। शाह ने कहा था, "राज्य में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है। वे हमारी बेटियों से शादी कर रहे हैं, जमीन हड़प रहे हैं और समृद्ध आदिवासी संस्कृति और विरासत को नष्ट कर रहे हैं... हम उनमें से हर एक को बाहर निकाल देंगे, उल्टा लटका देंगे।...बस, यहां कमल खिलने दें।"