बांग्लादेश संकट पर मंगलवार के केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विपक्ष ने स्पष्ट कर दिया कि वो भारत सरकार की नीतियों का समर्थन करेगी। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने अपनी सेना को अलर्ट कर रखा है। बांग्लादेश पर हमने इंतजार करो और देखो की रणनीति बनाई है। जयशंकर ने इस घटनाक्रम के भारत पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव पर बात की और बताया कि क्या रणनीति अपनाई जाएगी। भारत सरकार ने बांग्लादेश के सेना प्रमुख से भी बात की है और फौरन शांति बहाली की अपील की है।
इस बैठक में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पूछा कि क्या सरकार के पास बांग्लादेश के घटनाक्रम में किसी बाहरी ताकतों की भूमिका के बारे में कोई जानकारी है, तो जयशंकर ने कहा कि सरकार के पास केवल पाकिस्तान के राजनयिक की बदली हुई डीपी के बारे में जानकारी है जो विद्रोहियों को उनके समर्थन को दर्शाती है।"
सूत्रों ने बताया कि जयशंकर ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने की संभावना है। लेकिन वहां के छात्र नेता अभी भी बहुत सारे मुद्दों तो तय नहीं कर पाए हैं। वो चाहते हैं कि अर्थशास्त्री प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस सत्ता संभालें। लेकिन यूनुस ने कहा कि वो अंतरिम सरकार के सलाहकार बन सकते हैं।
जब राहुल गांधी ने पूछा कि क्या भारत सरकार को शेख हसीना की योजनाओं के बारे में कोई जानकारी है, तो जयशंकर ने विपक्षी नेताओं को बताया कि भारत ने उनसे अपनी भविष्य की कार्रवाई के बारे में बात की है, लेकिन फिलहाल इसका खुलासा नहीं किया जा सकता है।
विपक्षी नेताओं ने आश्वासन दिया कि वे केंद्र सरकार के साथ खड़े रहेंगे। सरकार को इस बारे में कदम उठाने की पूरी छूट है। इस बैठक में नेता विपक्ष राहुल गांधी के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल, डीएमके के टीआर बालू, जेडीयू के लल्लन सिंह, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन, राष्ट्रीय जनता दल की मीसा भारती, शिव सेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा, एनसीपी (सपा) की सुप्रिया सुले और तेलुगु देशम पार्टी के राम मोहन नायडू आदि ने बैठक में भाग लिया।
बांग्लादेश की सेना से संपर्कः विदेश मंत्री जयशंकर ने सर्वदलीय बैठक में यह भी बताया कि भारत ने बांग्लादेश की सेना के चीफ से संपर्क किया है। भारत ने बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वेकर-उस-ज़मान से कहा कि बांग्लादेश में शांति, कानून और व्यवस्था और सामान्य स्थिति की शीघ्र बहाली की जाए।
सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद वहां की सेना से कहा है कि भारत सामान्य स्थिति की बहाली के लिए हर संभव सहायता देने को तैयार है। समझा जाता है कि बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में मेहमान माना जा रहा है और उन्हें ही अपने भविष्य के प्रवास के बारे में निर्णय लेना है। कहा जा रहा है कि शेख हसीना लंदन जा सकता हैं, क्योंकि उनकी बहन रेहाना के पास ब्रिटिश नागरिकता है।
शेख हसीना के हटने से भारत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि बांग्लादेश में एक कट्टरपंथी शासन नया खतरा पैदा करेगा। भारत के आसपास अस्थिरता का माहौल लगातार बना हुआ है। पश्चिम देशों में शेख हसीना विरोधी अपना भारत विरोधी खेल शुरू कर देंगे। भूटान को छोड़कर भारत के सभी पड़ोसी देश इस समय राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहे हैं और भविष्य में स्थिति और खराब होने की आशंका है। भारत को सीमा पार चुनौतियों से खुद को बचाना सबसे बड़ी परीक्षा है।