यौन उत्पीड़न को लेकर बीजेपी सांसद के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों के साथ आज के बर्ताव के बाद आलोचनाओं ने क्या मोदी सरकार को झकझोर दिया है? महिला पहलवानों की एक ऐसी तस्वीर सोशल मीडिया पर बीजेपी समर्थकों या पार्टी से सहानुभूति रखने वाले यूज़रों ने साझा किया जो कथित तौर पर महिला पहलवानों को बदनाम करने के मक़सद से फर्जी बनाया गया था। जब उस फर्जी तस्वीर की सच्चाई सामने आ गई तो कई यूज़रों ने फर्जी तस्वीर को डिलीट कर दिया। लेकिन तब तक उनके स्क्रीनशॉट को लोगों ने ट्विटर पर साझा किया है।
जिस फर्जी तस्वीर को साझा किया गया उसको पहलवान बजरंग पुनिया ने ही खारिज कर दिया और सही तस्वीर को साझा किया। फर्जी तस्वीर में उन्हें पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के दौरान मुस्कुराते हुए दिखाया गया था। जबकि वास्तविक तस्वीर ऐसी नहीं थी।
बजरंग पुनिया ने दो तस्वीरें ट्वीट कीं - एक मॉर्फ्ड और दूसरी असली। असली वाला संगीता फोगट और विनेश फोगट को मुस्कुराता हुआ नहीं दिखाता है। बजरंग पुनिया ने ट्वीट किया, 'आईटी सेल के लोग इस झूठी तस्वीर को फैला रहे हैं। हम स्पष्ट करते हैं कि जिसने भी इस फर्जी तस्वीर को पोस्ट किया है उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की जाएगी।' इसके बाद फर्जी फोटो ट्वीट करने वाले लोगों ने उन तस्वीरों को हटाना शुरू किया।
'खालिस्तानी' का लेबल?
जिस तरह से तीन केंद्रीय कानूनों के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर साल भर चले किसानों के विरोध को 'खालिस्तानी' बताकर कथित तौर पर बदनाम करने की कोशिश की गई थी, उसी तरह से अब पहलवानों के प्रोटेस्ट को भी आलोचकों ने खालिस्तानियों के रूप में लेबल किया है। पहलवानों को हरियाणा और पंजाब दोनों में किसान संघों और अन्य नागरिक समाज समूहों का समर्थन मिला है। डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर सात महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद पहलवानों के लिए खालिस्तानी शब्द का उपयोग विशेष रूप से ऑनलाइन हुआ है।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बृज भूषण ने शुक्रवार को कहा, 'पुनिया ने कहा है कि वह जानता है कि सिर कैसे काटा जाता है। वह किसका सिर कलम करना चाहता है? क्या किसान नेता, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इस बयान का समर्थन कर सकते हैं? यह किसकी भाषा है? विरोध पंजाब की ओर बढ़ रहा है। यह दिल्ली से शुरू हुआ और अब धीरे-धीरे पंजाब में बढ़ रहा है। वहां से खालिस्तान, फिर कनाडा। यह विरोध कुश्ती को लेकर नहीं है। उन्होंने अपने आप को एक मुश्किल में डाल लिया है और उसमें और गहरे उतरते जा रहे हैं।'
बहरहाल, साक्षी मलिक सहित पहलवानों को आज उनके समर्थकों के साथ हिरासत में ले लिया गया, जब उन्होंने नए संसद भवन की ओर मार्च करने की कोशिश की। महिला पहलवानों ने अपना विरोध जताने के लिए नये संसद भवन के उद्घाटन के दौरान संसद की ओर मार्च की योजना बनाई थी। लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर धरना स्थल को भी खाली करा लिया है।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद ही वह फर्जी तस्वीर वायरल की गई। रोफ़्ल गांधी नाम के यूज़र ने ट्वीट किया है कि "मालवीय के सेल का स्तर बहुत अधिक गिरा हुआ है, वे दूसरों को 'टूलकिट गैंग' कहकर संगठित समूहों में फर्जीवाड़ा करते हैं।'
ध्रुव राठी नाम के यू-ट्यूबर ने ट्वीट किया है, 'आईटी सेल ट्रोल्स ने अब एआई सॉफ्टवेयर्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। ओलंपिक चैंपियंस को बदनाम करने के लिए उनकी गंदी चालों को देखें। पहली फोटो रियल है, दूसरी मैनिपुलेटिड है।'
महिला पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ यानी डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले स्थान से 3 किमी दूर जंतर-मंतर पर विरोध स्थल पर आज अराजक दृश्य देखा गया। पहलवानों को बसों में धकेल कर अलग-अलग स्थानों पर ले जाने के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के अन्य सामानों के साथ खाट, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल छत को हटाकर विरोध स्थल को साफ करना शुरू कर दिया।
प्रदर्शन करने वाली महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कहा है, 'जंतर मंतर पर सरेआम लोकतंत्र की हत्या हो रही है। एक तरफ़ लोकतंत्र के नये भवन का उद्घाटन किया है प्रधानमंत्री जी ने, दूसरी तरफ़ हमारे लोगों की गिरफ़्तारियाँ चालू हैं।'