बुधवार को ख़त्म हुए संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन कुछ महिला सांसदों ने आरोप लगाया है कि राज्यसभा में उनके साथ पुरूष मार्शलों ने बदसलूकी की। कई विपक्षी दलों के नेताओं ने इस घटना की मज़म्मत है।
यह घटना उस वक़्त हुई, जब जनरल इंश्योरेंस बिजनेस (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधयेक, 2021 पास किया जा रहा था। उस दौरान विपक्षी दलों के सांसद नारेबाज़ी कर रहे थे और उन्होंने कुछ कागज़ों को भी फाड़ दिया।
‘लोकतंत्र पर हमला’
एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने एएनआई से कहा है कि उन्होंने अपने 55 साल के संसदीय जीवन में राज्यसभा में कभी भी महिला सांसदों पर हमला होते नहीं देखा। पवार ने कहा कि 40 से ज़्यादा महिलाओं को बाहर से सदन के भीतर लाया गया। उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है और लोकतंत्र पर हमला है।
पवार ने पत्रकारों को बताया कि विपक्ष के प्रदर्शन को रोकने के लिए सदन में बड़ी संख्या में मार्शलों को तैनात कर दिया गया था। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि राज्यसभा में सांसदों से ज़्यादा सुरक्षा गार्ड थे। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राज्यसभा टीवी आप सबको यह नहीं दिखाएगा और संसद में मोदी-शाह का गुजरात मॉडल काम कर रहा है।
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें महिला सांसद इस बात की तसदीक कर रही हैं कि उनके साथ बदसलूकी की गई। छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद छाया वर्मा इस वीडियो में कहती हैं कि पुरूष मार्शलों ने उन्हें धक्का दिया। उनके साथ मौजूद बाक़ी महिला सांसद भी इस बात को सही ठहराती हैं।
गुरूवार को संसद तक पैदल मार्च निकालने वाले विपक्षी दलों के सांसदों ने भी इस मामले को उठाया है। राहुल गांधी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई, बाहर से लोगों को बुलाकर सांसदों के साथ मारपीट की गई है।
शिव सेना सांसद संजय राउत ने कहा कि राज्यसभा में मार्शलों ने महिला सांसदों से बदसलूकी की और ऐसा करके लोकतंत्र की हत्या की गई है जबकि आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि संसद में मार्शल लॉ लगाया गया।
सरकार ने किया इनकार
दूसरी ओर सरकार की ओर से कहा गया है कि सासंदों ने मार्शलों को धक्का दिया और उन पर हमला किया। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने विपक्षी सांसदों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सांसदों का मार्शलों पर ग़लत व्यवहार करने का आरोप लगाना पूरी तरह झूठ है और कोई भी शख़्स सीसीटीवी फ़ुटेज से इस बात की जांच कर सकता है।
संसद का मानसून सत्र पूरी तरह हंगामेदार रहा और इस दौरान विपक्ष ने पेगासस जासूसी मामले, किसान आंदोलन सहित कुछ और अहम मुद्दों पर सरकार को घेर लिया।
नायडू से मिले विपक्षी नेता
राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई विपक्षी नेता गुरूवार को राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। मुलाक़ात के बाद खड़गे ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान सरकार ने धड़ाधड़ बिल पास कर दिए और उन पर चर्चा तक नहीं की।
उन्होंने कहा कि 50 से 60 पुरूष और 20 महिला मार्शलों को सदन में लाया गया और कई विपक्षी दलों की महिला सांसदों के साथ अभद्रता की गई। उन्होंने कहा कि इन मार्शल को कौन लाया, किसने उनको लाने की इजाजत दी, यह सामने आना चाहिए।
खड़गे के साथ कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा, एसपी सांसद रामगोपाल यादव, आरजेडी सांसद मनोज झा सहित कई विपक्षी दलों के सांसद शामिल रहे।