संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। इसको लेकर रविवार को परंपरागत तौर पर होने वाली सर्वदलीय बैठक रखी गई। रेल दुर्घटनाओं से लेकर नीट पेपर लीक और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले तक के मुद्दों पर गतिरोध होने और हंगामे के आसार के बीच सर्वदलीय बैठक हुई है।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान जेडी(यू) और वाईएसआरसीपी ने बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा मांगा। जबकि टीडीपी ने इस मामले पर अजीब तरीके से चुप्पी साधे रखी।
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, 'राजनीतिक माहौल कितना बदल गया है! सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में बीजेडी नेता ने रक्षा मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को याद दिलाया कि ओडिशा में 2014 के विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के घोषणापत्र में राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का वादा किया गया था।' बैठक के बाद बीजेडी नेता सस्मित पात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी ने भी ओडिशा के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा मांगा है।
रिपोर्ट के अनुसार बैठक में समाजवादी पार्टी और आप ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस विवादास्पद निर्देश का मुद्दा उठाया जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों का नाम प्रदर्शित करने को कहा गया था।
कांग्रेस के गौरव गोगोई ने लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के लिए मांगा और कहा कि यह पद खाली नहीं होना चाहिए। पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा दोनों सदनों के सुचारू संचालन के लिए हर पार्टी से सहयोग मांगे जाने के बाद पार्टी नेता गौरव गोगोई ने कहा कि विपक्ष को संसद में मुद्दे उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि बैठक में सार्वभौमिक मांग थी कि सांसदों के एक-दूसरे से मिलने-जुलने और पार्टियों के बीच संचार को बेहतर बनाने के लिए सेंट्रल हॉल को एक बार फिर से खोला जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'संसद के नए भवन के खुलने के बाद ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल का उपयोग दुखद रूप से बंद हो गया है।'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। सत्र सोमवार से शुरू होगा और 12 अगस्त तक 19 बैठकें होंगी। इस दौरान सरकार छह विधेयक पेश करेगी, जिसमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने वाला विधेयक भी शामिल है।
इस पारंपरिक सर्वदलीय बैठक में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई, जयराम रमेश और के सुरेश, केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) नेता चिराग पासवान, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, जदयू के संजय झा, आप के संजय सिंह, सपा नेता रामगोपाल यादव और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल आदि मौजूद थे।
माना जा रहा है कि संसद सत्र में विपक्ष सरकार को उन विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगा, जिसमें बार-बार होने वाली रेल दुर्घटनाओं से लेकर नीट और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले शामिल हैं। उपसभापति के चुनाव का मुद्दा भी उठाए जाने की संभावना है। विपक्ष सदन में बेरोजगारी और ग्रामीण संकट का मुद्दा भी उठाएगा। मणिपुर में जारी संकट पर भी हंगामे के आसार हैं। 8 जुलाई को हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करने के कुछ दिनों बाद विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन सरकार पर दबाव बनाने के लिए संसद में पूरी ताक़त से मणिपुर में शांति की ज़रूरत को उठाएंगे। इन मुद्दों पर संसद में हंगामे के आसार हैं। हालाँकि, विपक्षी नेताओं ने कहा है कि अगर सरकार संसद में विपक्ष की आवाज़ सुनने के लिए तैयार है तो वे 'चर्चा और बहस' करने के इच्छुक हैं।