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अखिलेश का EVM-चुनाव आयोग पर हमला- 'भले जीत जाऊं... भरोसा मत करना'

अखिलेश का EVM-चुनाव आयोग पर हमला- 'भले जीत जाऊं... भरोसा मत करना'

सपा प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में ईवीएम और चुनाव आयोग पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब तक ईवीएम है, तब तक निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं की जा सकती।

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर भरोसा नहीं है। भले ही उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में सभी 80 सीटें जीत ले, लेकिन इससे उन पर उनका भरोसा बहाल नहीं होगा।

अध्यक्ष महोदय, मुझे न तो पहले ईवीएम पर भरोसा था, न वर्तमान में है और न भविष्य में रहेगा।


-अखिलेश यादव, सांसद कन्नौज, सपा प्रमुख 2 जुलाई सोर्सः संसद टीवी

उन्होंने संसद में कहा, ''अगर मैं उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटें जीत भी जाऊं, तब भी मुझे ईवीएम पर कोई भरोसा नहीं रहेगा। चुनाव प्रचार के दौरान, मैंने जिक्र किया था कि हमारा लक्ष्य चुनाव जीतना है और अंततः ईवीएम को हटाना है।” उन्होंने कहा कि ईवीएम का मुद्दा तब तक रहेगा जब तक इन्हें चुनाव प्रक्रिया से हटाया नहीं जाएगा और समाजवादी पार्टी इसे उजागर करती रहेगी।

भारत के चुनाव आयोग पर कटाक्ष करते हुए, अखिलेश ने कहा कि जब आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू की गई थी, तो चुनाव आयोग ने सरकार के साथ-साथ कई लोगों के प्रति उदारता बरती थी।

अखिलेश ने ईवीएम और चुनाव आयोग पर कहा कि “मैं विवरण में नहीं जाना चाहता, लेकिन सरकार की वजह से आयोग के बारे में सवाल उठाए गए हैं। यदि चुनाव आयोग स्वतंत्र रहता है, तो न केवल भारत का लोकतंत्र स्वस्थ रहेगा, बल्कि यह दुनिया भर में और अधिक शक्तिशाली हो जाएगा।”

उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने दो बार सरकार बनाई और फिर भी राज्य के साथ भेदभाव किया गया। अखिलेश ने कहा- “मुझे वह दिन याद है जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय वायुसेना के विमान से एक्सप्रेसवे पर उतरे थे, और मुख्यमंत्री उनके साथ नहीं बैठे थे। उस एक्सप्रेसवे और वर्तमान में निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे को राज्य के बजट से वित्त पोषित किया जा रहा है। केंद्र ने राज्य के लिए किसी भी एक्सप्रेसवे का योगदान नहीं दिया है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के कई गांवों को गोद लिया है, लेकिन जमीनी हालात वहां नहीं बदले हैं।


-अखिलेश यादव, सांसद कन्नौज, सपा प्रमुख 2 जुलाई सोर्सः संसद टीवी

उन्होंने कहा- “प्रधानमंत्री द्वारा गोद लिए गए उन गांवों में अभी भी जर्जर सड़कें हैं, पानी की कोई सुविधा नहीं है और लोगों के पास एलपीजी सिलेंडर तक पहुंच नहीं है। सरकार उन्हें बदल नहीं सकी और स्मार्ट शहरों के झूठे वादे करती है।”

सांसद चुने जाने के बाद अखिलेश का यह पहला भाषण संसद में था। लोकसभा में कांग्रेस के बाद सपा दूसरे नंबर की पार्टी है, जिसके सबसे ज्यादा 37 सांसद हैं। कांग्रेस के 99 सांसद हैं। हालांकि कांग्रेस को कई निर्दलीयों का भी समर्थन प्राप्त है। सपा ने इस बार लोकसभा चुनाव में कई चमत्कार किए। उन्होंने अपने परिवार से बाहर बहुत कम यादवों को टिकट दिया। फैजाबाद जनरल सीट से उन्होंने दलित प्रत्याशी उतारा। वहां से अवधेश प्रसाद ने भाजपा के लल्लू सिंह को हराकर इतिहास रच दिया। अयोध्या भी फैजाबाद लोकसभा सीट का हिस्सा है। फैजाबाद की सभी 7 विधानसभा सीटों में से भाजपा को सिर्फ एक विधानसभा सीट पर बढ़त मिली, बाकी सभी 6 सीटों पर सपा आगे रही। 

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