आजकल संसद में हो क्या रहा है! यदि कोई सांसद किसी दिन चेन्नई में बैठा है तो उस दिन वह संसद में अमर्यादित व्यवहार कैसे कर सकता है? और कार्रवाई भी ऐसी कर दी जाती है कि पूरे संसद सत्र से सांसद का निलंबन! मामला डीएमके सांसद एसआर पार्थिबन से जुड़ा है। अब तो सरकार को इस पर सफाई भी देनी पड़ गई कि उनका निलंबन हटवा दिया गया है। यह अजीबोगरीब मामला गुरुवार को संसद में हुआ।
डीएमके नेताओं और कांग्रेस के नेता ने ऐसी कार्रवाई को मजाक बताया है। जिन एसआर पार्थिबन पर कार्रवाई की गई है उन्होंने कहा है कि यह मजाक है क्योंकि मैं आज तबीयत ख़राब होने के कारण संसद में ही नहीं गया था। डीएमके सांसद सेंथिलकुमार एस ने कहा, 'उस दौरान डीएमके के पार्थिबन लोकसभा में नहीं थे। लेकिन संसदीय कार्य मंत्री ने निलंबित सांसदों की सूची में उनका नाम पढ़ा। सत्ता का पूरा मजाक बन गया है।'
दरअसल, संसद में सुरक्षा चूक पर अमित शाह के बयान न देने पर हंगामा हुआ और कथित अमर्यादित बयान के लिए लोकसभा के 14 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। बाकायदा संसद में 14 सांसदों के नाम पढ़े गए। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद में कहा था कि मनिकम टैगोर, कनिमोझी, पीआर नटराजन, वीके श्रीकांतम, बेनी बहन, के सुब्रमण्यम, एसआर पार्थिबन, एस वेंकटेशन, मोहम्मद जावेद, टी एन प्रतापन, हिबी ईडन, जोथिमनी, राम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस कुरियाकुस शामिल हैं। इनपर आरोप लगाया गया कि इन्होंने संसद में गुरुवार को अमर्यादित व्यवहार किया है। लेकिन जिन सांसदों के नाम लिए गए उनमें से एसआर पार्थिबन संसद में गुरुवार को हाजिर ही नहीं थे।
जब डीएमके सांसद एसआर पार्थिबन को पता चला कि उनको निलंबित कर दिया गया है तो उन्होंने कार्रवाई के तौर-तरीक़ों पर सवाल उठाया।
कार्ति चिदंबरम ने भी कार्रवाई के तौर-तरीकों को पूरी तरह मजाक बताया। उन्होंने कहा, 'इस निलंबन में कॉमेडी है, एसआर पार्थिबन का नाम सूची में है, वह आज लोकसभा में भी नहीं थे...'।
ट्विटर पर इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया आने लगी। इसके बाद देर शाम को एएनआई पर संसदीय कार्यमंत्री की सफाई आई। इसमें उन्होंने गलती स्वीकार की। उन्होंने कहा, 'कुल 13 सांसदों को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया है। एक सांसद जो वेल में मौजूद नहीं थे, उन्हें भी निलंबित कर दिया गया... हमने लोकसभा अध्यक्ष से वह नाम हटाने का अनुरोध किया और अध्यक्ष ने इसे स्वीकार कर लिया।'
बता दें कि संसद में सुरक्षा चूक पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान न देने के मुद्दे पर हंगामा मचा। दिन में कहा गया था कि लोकसभा के 14 सांसदों (जिसे अब 13 कर दिया गया है) और राज्यसभा से एक टीएमसी सांसद को इस सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार न संसद के अंदर बोलने दे रही है और न बाहर। सरकार के विरोध में बोलने वालों पर कार्रवाई की जाती है। संसद में सुरक्षा चूक का दूसरा दिन है और गृहमंत्री अमित शाह का बयान तक नहीं आया है। हंगामे और निलंबन के बाद लोकसभा शुक्रवार 11 बजे तक स्थगित कर दी गई है।
राज्यसभा में टीएमसी सांसद ओ'ब्रायन ने उस घटना पर चर्चा की मांग की थी। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बंगाल के सांसद का नाम पुकारा और उन्हें तुरंत सदन छोड़ने का निर्देश दिया। सभापति धनखड़ ने कहा- 'डेरेक ओ'ब्रायन को तुरंत सदन छोड़ने के लिए कहा जाता है... डेरेक ओ'ब्रायन का कहना है कि वो सभापति की अवहेलना करेंगे... डेरेक ओ'ब्रायन का कहना है कि वो नियमों का सम्मान नहीं करेंगे। यह एक गंभीर कदाचार है। यह शर्मनाक है घटना।' उनपर आरोप है कि उन्होंने चेतावनी के बाद भी विरोध जारी रखा।