मुंबई हमला: पूर्व कमिश्नर मारिया के ख़ुलासे के बाद बीजेपी नेता कांग्रेस पर हमलावर 

09:24 am Feb 19, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की किताब ‘लेट मी से इट नाउ’ आने के बाद 2008 में हुए आतंकवादी हमले को लेकर एक बार फिर जोरदार बहस शुरू हो गई है। मारिया ने अपनी किताब में ख़ुलासा किया है कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा अजमल कसाब को हिंदू के तौर पर पेश करना चाहता था। लश्कर ने कसाब का नाम समीर दिनेश चौधरी रखा था और उसे बेंगलुरू का निवासी बताने की कोशिश की थी। कसाब के हाथ में बंधे लाल धागे को लेकर तब ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द को लेकर काफ़ी चर्चा हुई थी। 

मारिया के ख़ुलासे के बाद बीजेपी नेता कांग्रेस पर हमलावर हो गये हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि हिंदुओं को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने तब कई तरह के आरोप लगाए थे लेकिन मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर की किताब से सच्चाई सामने आ गई है। 

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा, ‘कुछ बुद्धिजीवियों ने मुंबई के आतंकवादी हमले को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जोड़ने की कोशिश की थी और ऐसे लोगों का कांग्रेस नेताओं ने समर्थन किया था।’ माधव ने कहा कि आज यह बात साबित हो गई है कि यह पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई की साज़िश थी। 

बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है। मालवीय ने कहा, ‘पाकिस्तान ने कांग्रेस के ‘हिंदू आतंकवाद’ के प्रोपेगेंडे के लिये एक साज़िश रची थी। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने किताब '26/11- आरएसएस की साज़िश' को भी लांच किया था। लेकिन शहीद तुकाराम ओंबले ने अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया। अगर वह ऐसा नहीं करते तो कांग्रेस और मीडिया उसे हमेशा के लिए हिंदू साबित कर देते।

'नये सिरे से हो जांच' 

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर तत्कालीन यूपीए सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लिखा, ‘26/11 का आतंकवादी हमला आईएसआई और यूपीए सरकार का ‘हिंदू आतंकवाद’ को लांच करने और आरएसएस को बैन करने के लिये एक संयुक्त ऑपरेशन था। यह नाकाम हो गया क्योंकि एक बहादुर पुलिसकर्मी ने कसाब को जिंदा पकड़ लिया जबकि बाक़ी दस लोग मारे गये। इन सभी लोगों ने हिंदुओं की तरह कपड़े पहने थे। इस मामले में नई जांच की ज़रूरत है।’ 

बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी प्रीति गाँधी ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है। गाँधी ने लिखा है कि मारिया की किताब से ख़ुलासा हुआ है कि 26/11 को मुंबई में हुए हमले के दोषी अजमल कसाब की मौत बेंगलुरू के रहने वाले समीर चौधरी के रूप में होती और लश्कर अपनी योजना में सफल हो जाता। 

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो सरकार मारिया के दावों की जांच कराएगी।

‘हिंदू आतंकवाद’ प्रोजेक्ट करने की साज़िश

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस मामले में कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। गोयल ने कांग्रेस पर ‘हिंदू आतंकवाद’ को प्रोजेक्ट करने के लिये साज़िश रचने का आरोप लगाया। गोयल ने कहा, ‘मारिया अब क्यों बोल रहे हैं। पुलिस के मुखिया होने के नेता उन्हें उस समय बोलना चाहिए था और कार्रवाई करनी चाहिए थी। हम झूठ के जाले बुनने के लिये कांग्रेस और पी. चिदंबरम की निंदा करते हैं।’ गोयल ने आगे कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है।

कसाब को 2012 में फांसी दे दी गई थी। मारिया ने अपनी किताब में लिखा है कि कसाब ने दावा किया था कि वह लूटपाट करने के लिये लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था और उसका जिहाद से कोई लेना-देना नहीं था। मारिया ने लिखा है कि कसाब यह मानता था कि भारत में मुसलमानों को मसजिदों में नमाज़ नहीं पढ़ने दी जाती और मसजिदों को प्रशासन द्वारा बंद कर दिया जाता है।