देश में अब नये क़िस्म के कोरोना संक्रमण के 14 नये मामले आए हैं। इससे एक दिन पहले छह ऐसे केस आए थे। सभी छह लोग ब्रिटेन से लौटे थे। देश में जो नये क़िस्म के कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं वह नये क़िस्म का कोरोना वही है जो ब्रिटेन में सबसे पहले सामने आया था। यह काफ़ी तेज़ी से फैलता है। अब संक्रमण में तेज़ी आने के डर से सरकार पिछले एक महीने में ब्रिटेन से लौटे क़रीब 33 हज़ार लोगों का पता लगाएगी।
भारत में जुलाई के बाद सबसे कम कोरोना के केस आने के बावजूद नये सिरे से चिंताएँ पैदा क्यों हो गई हैं? दरअसल, ब्रिटेन से आए यात्रियों में नये क़िस्म का कोरोना संक्रमण मिलने के बाद अजीब सा डर है और यह अधिकारियों में भी दिख रहा है। तभी तो ताबड़तोड़ फ़ैसले लिए जा रहे हैं। नये क़िस्म के कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए विशेष जाँच बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए सरकार की 10 प्रयोगशालाओं को जोड़ा गया है। विदेश से आने वाले सभी यात्रियों की जाँच की जाएगी। ब्रिटेन की उड़ानों पर प्रतिबंध के समय को बढ़ाया जा सकता है। कुल मिलाकर अधिकारियों से लेकर सरकार तक को लगता है कि कोरोना संक्रमण के तेज़ी से बढ़ने का डर है। यह तब है जब जनवरी में ही देश में टीकाकरण अभियान शुरू किए जाने की उम्मीद है।
यह डर इसलिए कि नये क़िस्म का कोरोना 70 फ़ीसदी अधिक तेज़ी से फैलता है। मंगलवार को ब्रिटेन से लौटे छह लोगों में नया स्ट्रेन या नये क़िस्म का कोरोना पाया गया है। हाल के दिनों में ब्रिटेन से लौटे लोगों की विशेष कोरोना जाँच (जीनोम सिक्वेंसिंग) की गई है जिनमें से इन 6 लोगों में इस नये क़िस्म के कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।
नये क़िस्म के कोरोना के मामले आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को प्रेस ब्रीफ़िंग में कहा है कि ब्रिटेन के नये क़िस्म के कोरोना की ख़बर आने से पहले हमने प्रयोगशालाओं में लगभग 5,000 जीनोम सिक्वेंसिंग यानी विशेष जाँच की थी। उन्होंने कहा कि अब हम उस संख्या में काफ़ी वृद्धि करेंगे और समन्वित तरीक़े से काम करेंगे।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि एक महत्वपूर्ण क़दम INSACOG की स्थापना है जो देश भर में 10 सरकारी प्रयोगशालाओं का एक संघ है। ये प्रयोगशालाएँ उस वायरस के नये स्ट्रेन यानी नयी क़िस्मों की जाँच करेंगी। ये प्रयोगशालाएँ आईसीएमआर, बायोटेक इंडिया, सीएसआईआर और स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़ी हैं।
विशेष जाँच विदेश से आए उन सभी यात्रियों की की जाएगी जो 9 से 22 दिसंबर तक यानी 14 दिनों में कोरोनो वायरस के लक्षण वाले या फिर पॉजिटिव पाए गए थे।
यह इसलिए ज़रूरी है क्योंकि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिकों ने ही यह आशंका जताई थी कि ज़रूरी नहीं कि कुछ देशों में ही नये क़िस्म का कोरोना संक्रमण हो, बल्कि कई देशों में यह फैल रहा हो सकता है। यानी जाँच किए जाने पर ही यह पता लगेगा कि नये क़िस्म का कोरोना फैला है या नहीं।
कोविड के लिए गठित नेशनल टास्क फ़ोर्स ने नये क़िस्मों के कोरोना वायरस को ट्रेस करने के लिए नियमित जीनोमिक निगरानी की ज़रूरत के लिए भी सहमति व्यक्त की थी। जीनोमिक निगरानी से मतलब है- लोगों की जीन आधारित जाँच से निगरानी।
नेशनल टास्क फ़ोर्स ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया कि ब्रिटेन से वापस आने वालों के अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 5 प्रतिशत पॉजिटिव केसों के नमूने जीनोम सिक्वेंसिंग से जाँच के लिए भेजे जाएँगे।
टास्क फ़ोर्स ने तीन दिन पहले ही शनिवार को नये क़िस्म के कोरोना को लेकर अपनी योजना बताई है।
नये क़िस्म के कोरोना को रोकने के लिए टास्क फ़ोर्स की योजना मुख्य तौर पर वही है जो शुरुआत में कोरोना फैलने के दौरान अपनायी गई थी। यानी नये क़िस्म के कोरोना मरीज़ का ट्रेस यानी पता लगाना, डिटेक्ट यानी पहचान करना और कंटेन करना यानी फैलने से रोकना।
वैसे, कोरोना संक्रमण के तेज़ी से फैलने की सरकार की चिंता इसलिए भी है कि नये साल के उत्सव और छुट्टियों पर सैलानियों की भीड़ इकट्ठी होंगी। यह डर उसमें भी दिखता है कि सरकार ने नये साल को देखते हुए नयी गाइडलाइंस जारी की है। ख़ासकर नये साल के उत्सव के दौरान लोगों के इकट्ठे होने को लेकर ये निर्देश हैं। कई राज्यों में रात का कर्फ्यू लगाना भी उसी का एक हिस्सा है। राज्यों को भी निर्देश दिया गया है कि पर्यटन स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जाए।
अधिकारियों को नये साल पर संक्रमण में तेज़ी का डर इसलिए भी है कि कई राज्यों में पूरी सावधानी नहीं बरती जा रही है। अधिकारियों ने भी कहा है कि सर्दी का मौसम होने के कारण स्थिति गंभीर हो सकती है क्योंकि कोरोना के कारण साँसों की दिक्कतें आती हैं।
वीडियो चर्चा में देखिए, भारत में कोरोना का नया खौफ़...
ब्रिटेन की उड़ानों पर प्रतिबंध बढ़ाया जाएगा?
ब्रिटेन की उड़ानों पर प्रतिबंध को आगे बढ़ाए जाने की संभावना है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा, 'मुझे लगता है कि अस्थायी निलंबन को मामूली आगे बढ़ाया जाएगा। मैं यह उम्मीद नहीं करता कि यह लंबा या अनिश्चित समय के लिए होगा। अगले एक या दो दिनों में हमें पता चलेगा कि क्या कोई अतिरिक्त क़दम उठाने की ज़रूरत है, या कब हम मौजूदा अस्थायी निलंबन को कम कर सकते हैं।'
देश में अस्थायी रूप से 21 दिसंबर को ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
ब्रिटेन में नये क़िस्म के कोरोना के मामले आने के बाद अब डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर तक पहुँच गया है।
दक्षिण अफ्रीका में भी नये क़िस्म के संक्रमण के मामले आए हैं। इससे भारत में भी चिंताएँ बढ़ी हैं।
नये क़िस्म के कोरोना पर वैक्सीन के असर को लेकर उठ रहे सवालों पर भी वैज्ञानिकों ने बयान दिया है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन ने कहा कि वैक्सीन ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले नये क़िस्म के कोरोना ख़िलाफ़ काम करेंगी। उन्होंने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि वर्तमान वैक्सीन इन नये क़िस्म के कोरोना से बचाने में नाकाम रहेंगी।