बीजेपी को दिल्ली में जीत के लिये जिस वर्ग से सबसे ज़्यादा आस थी, एग्जिट पोल के नतीजे बताते हैं कि उस वर्ग से भी उसे बहुत ज़्यादा समर्थन नहीं मिला है। पार्टी को पूर्वांचली समुदाय के ज़्यादातर वोट मिलने की उम्मीद थी क्योंकि उसने प्रदेश अध्यक्ष पद पर मनोज तिवारी का चयन पूर्वांचलियों के वोट हासिल करने की रणनीति के तहत किया था। लेकिन इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया का एग्जिट पोल बताता है कि पूर्वांचलियों ने आम आदमी पार्टी (आप) को बीजेपी से ज़्यादा वोट दिये हैं।
विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान मनोज तिवारी ख़ुद को पूर्वांचली समुदाय का बेटा बताते हुए इस बात का दावा करते नहीं थकते थे कि पूर्वांचली बीजेपी के पक्ष में ही वोट करेंगे। लेकिन ऐसा होता नहीं दिखता है।
इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक़ दिल्ली में पूर्वांचली समुदाय के 55 फ़ीसदी मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया है। इसके अलावा बाहरी और दक्षिणी दिल्ली में रहने वाले हरियाणवी समुदाय के लोगों ने भी आम आदमी पार्टी पर भरोसा जताया है। हरियाणवी समुदाय के 54 फ़ीसदी लोगों ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया है। दूसरी ओर, एग्जिट पोल के मुताबिक़ बीजेपी को पूर्वांचली समुदाय के 36 फ़ीसदी और हरियाणवी समुदाय के 35 फ़ीसदी मतदाताओं ने वोट दिया है।
आरजेडी संग गठबंधन का नहीं मिला फ़ायदा
एग्जिट पोल के मुताबिक़, कांग्रेस को 4 फ़ीसदी पूर्वांचली मतदाताओं का समर्थन हासिल हुआ है। जबकि पार्टी को उम्मीद थी कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से गठबंधन करने के कारण उसे पूर्वांचली समुदाय का समर्थन मिलेगा। उसने आरजेडी को 4 सीटें देने के अलावा अपनी प्रचार कमेटी का अध्यक्ष भी पूर्वांचल से आने वाले कीर्ति आज़ाद को बनाया था। लेकिन इसके बाद भी इस समुदाय का समर्थन उसे नहीं मिला। पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप के कारण उसे अपने बड़े पूर्वांचली चेहरे महाबल मिश्रा के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करनी पड़ी। इसके अलावा कांग्रेस को हरियाणा में बेहतर प्रदर्शन के बाद भी सिर्फ़ 5 फ़ीसदी हरियाणवी मतदाताओं ने वोट दिया है।
इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक़, दिल्ली में आम आदमी पार्टी को 59-68, बीजेपी को 2-11 और कांग्रेस को शून्य सीटें मिल सकती हैं। यह एग्जिट पोल बताता है कि आम आदमी पार्टी को पूर्वांचलियों के अलावा दलित-मुसलिम-ओबीसी वर्ग के मतदाताओं का भी जोरदार समर्थन मिला है।
क्या जवाब देंगे तिवारी समर्थक?
बीजेपी ने मनोज तिवारी को जब दिल्ली इकाई का अध्यक्ष बनाया था तो उसके पीछे मंशा दिल्ली में रहने वाले 35 से 40 लाख पूर्वांचली मतदाताओं के वोटों को हासिल करने की थी। मनोज तिवारी के समर्थकों की ओर से कहा गया कि 2017 के दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वांचली मतदाताओं ने इस वजह से ही बीजेपी का साथ दिया। बीच में कई बार मनोज तिवारी की जगह किसी दूसरे नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग भी जोर-शोर से उठी लेकिन हर बार तिवारी के समर्थकों की ओर से यही हवाला दिया गया कि इससे पूर्वांचली मतदाता नाराज हो सकते हैं और पार्टी को 2020 के विधानसभा चुनाव में इसका ख़ासा नुक़सान हो सकता है।
ऐसे में अब इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया का एग्जिट पोल बता रहा है कि पूर्वांचलियों ने आम आदमी पार्टी पर बीजेपी से कहीं ज़्यादा भरोसा जताया है और अगर एग्जिट पोल के नतीजे चुनाव परिणाम में बदलते हैं तो मनोज तिवारी और उनके समर्थक बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को क्या जवाब देंगे, यह देखने वाली बात होगी।