भारत खालिस्तानी नेता की हत्या जाँच में सहयोग करे: यूएस
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बुधवार को कहा - ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या में भारतीय एजेंटों के संभावित रूप से शामिल होने के आरोपों को लेकर "बहुत चिंतित" है और चाहता है कि भारतीय अधिकारी जांच में सहयोग करें। अमेरिका के ताजा बयान से साफ हो गया है कि अमेरिका ने इस मुद्दे पर खुलकर भारत का समर्थन नहीं किया है। अमेरिका ने यह भी कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में ये खबरें पूरी तरह गलत हैं कि अमेरिका ने इस मुद्दे पर कनाडा के रुख का समर्थन करने से मना कर दिया है।
कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को कहा था कि कनाडा की खुफिया एजेंसियां 18 जून 2023 को 45 वर्षीय हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के खिलाफ विश्वसनीय आरोपों पर सक्रिय रूप से जांच कर रही हैं। भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें बेतुका और प्रेरित बताया था।
कनाडा पहले से ही फाइव आइज़ इंटेलिजेंस शेयरिंग गठबंधन जैसे प्रमुख सहयोगियों के साथ इस मामले में चर्चा कर रहा है। इसके सदस्य देशों में यूएसए, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी शामिल हैं। खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या को लेकर ऑस्ट्रेलिया ने रिपोर्टों को चिंताजनक बताया है और कहा है कि उसने इस मुद्दे को उसने भारत के सामने उठाया है।
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा, 'देखिए, ये चिंताजनक रिपोर्टें हैं, और मैंने देखा है कि जांच अभी भी चल रही है, लेकिन जाहिर तौर पर ये चिंताजनक रिपोर्टें हैं और हम इन घटनाओं की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। हमारे साझेदार, और हम ऐसा करना जारी रखेंगे...।'
यह पूछे जाने पर कि क्या ऑस्ट्रेलिया इस मुद्दे को जापान के साथ उठाने की योजना बना रहा है, क्योंकि वह क्वाड का सदस्य है, वोंग ने कहा कि हालाँकि वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकतीं कि क्या उठाया गया है और क्या उठाया जाएगा, देश की प्रमुख स्थिति यह है कि वह मानता है सभी देशों की संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान किया जाना चाहिए।'
कनाडा ने एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया है। उसका दावा है कि वह देश में भारत के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का प्रमुख था। इसके बाद भारत ने भी मंगलवार को कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को पांच दिनों के भीतर देश छोड़ने को कहा।
ट्रूडो के आरोपों का जोरदार खंडन करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था, 'कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुके और प्रेरित हैं। इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री द्वारा हमारे प्रधानमंत्री पर लगाए गए थे और पूरी तरह से खारिज कर दिये गये।'
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा है कि ट्रूडो ने राष्ट्रपति बाइडेन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ आरोपों को उठाया है। इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में चर्चा होने की संभावना है।