देश में आज लगातार चौथे दिन कोरोना संक्रमण के 4 लाख से ज़्यादा पॉजिटिव केस आए हैं और लगातार दूसरे दिन 4 हज़ार से ज़्यादा कोरोना मरीज़ों की मौत हुई। अब तक कुल पाँच बार 4 लाख से ज़्यादा पॉजिटिव केस आ चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी शनिवार के आँकड़ों के अनुसार 24 घंटे में 4 लाख 3 हज़ार 738 मामले दर्ज किए गए। इससे एक दिन पहले 24 घंटे में 4 लाख 1 हज़ार 78 मामले दर्ज किए गए थे। रविवार को जारी आँकड़ों के अनुसार 24 घंटे में 4 हज़ार 92 लोगों की मौत हुई। इससे एक दिन पहले 24 घंटे में रिकॉर्ड 4187 लोगों की मौत हुई थी।
इससे पहले शुक्रवार को 4 लाख 14 हज़ार 188 संक्रमण के नये मामले सामने आए थे। यह एक दिन में अब तक का सबसे ज़्यादा आँकड़ा है। उससे भी एक दिन पहले एक दिन में देश में 4 लाख 12 हज़ार 262 पॉजिटिव केस आए थे। सबसे पहले एक मई को 24 घंटे में 4 लाख से ज़्यादा केस आए थे और तब 4.1 लाख केस दर्ज किए गए थे।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ताज़ा आँकड़ों के अनुसार देश में कुल 2 करोड़ 22 लाख 96 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं और 2 लाख 42 हज़ार 362 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 1 करोड़ 83 लाख 17 हज़ार से ज़्यादा मरीज़ ठीक हो चुके हैं। देश में अब कुल सक्रिए मामले 37 लाख 36 हज़ार 648 पहुँच गए हैं।
देश में कोरोना कितनी तेज़ी से फैल रहा है इसका अंदाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि मार्च में हर रोज़ 20 हज़ार से भी कम मामले आ रहे थे लेकिन अब हर रोज़ 4 लाख से ज़्यादा केस आ रहे हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों में हालात बेद ख़राब हैं।
इस बीच कोरोना मरीज़ों का इलाज करने वाली दवा इजाद कर ली गई है। डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इसको विकसित किया है। कोरोना के ख़िलाफ़ इलाज में काम आने वाली इस दवा को भारत के औषधि महानियंत्रक यानी डीसीजीआई ने आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी भी दे दी है। यह अच्छी ख़बर तब आई है जब देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है और हर रोज़ 4 लाख से ज़्यादा पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। हर रोज़ क़रीब 4 हज़ार लोगों की मौत हो रही है। देश में सक्रिए मामलों की संख्या 37 लाख से ज़्यादा हो गई है।
डीआरडीओ ने कहा है कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) को डीआरडीओ की लैब आईएनएमएएस ने डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ विकसित किया है। इसने यह भी कहा है कि दवा कोरोना मरीज़ों को जल्द ठीक होने में मदद करेगी।
कोरोना संकट और देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत के बीच सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है। टास्क फोर्स में 12 सदस्य होंगे। यह टास्क फोर्स राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ऑक्सीजन वितरण पर तो नज़र रखेगी ही, उनकी ज़रूरतों को भी देखेगी और इसके अनुसार व्यवस्था की जाएगी। देश के अलग-अलग राज्यों के विशेषज्ञों और डॉक्टरों को टास्क फोर्स में शामिल किया गया है।
आदेश जारी करते हुए जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि यह टास्क फोर्स परामर्श और सूचना के लिए केंद्र सरकार के मानव संसाधनों का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र होगी। यह काम करने के लिए अपने तौर-तरीके और प्रक्रिया तैयार करने के लिए भी स्वतंत्र होगी।
अपने आदेश में अदालत ने कहा कि सुनवाई के दौरान एक आम सहमति बन गई है कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मेडिकल ऑक्सीजन का आवंटन वैज्ञानिक, तर्कसंगत और न्यायसंगत आधार पर किया जाए। लेकिन इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि यह लचीलापन होना चाहिए कि यदि आपात स्थितियों के कारण किसी राज्य में अप्रत्याशित मांग बढ़ गई तो उसे भी पूरा किया जाए।
अदालत ने कहा कि नेशनल टास्क फोर्स अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने से पहले सहायता के लिए संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञों में एक या एक से अधिक उप-समूह का गठन कर सकती है। टास्क फोर्स अपने कामकाज को आसान बनाने के लिए सरकार के भीतर या बाहर अन्य विशेषज्ञों की सहायता लेना चाहे तो ले सकती है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें आवश्यक होने पर टास्क फोर्स के काम को सुविधाजनक बनाने के लिए पूरा और रियल टाइम डाटा प्रदान करेंगी।